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चीन सबसे खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड वाले देशों में एक : पोम्पिओ

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने नस्लीय एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि वह वर्तमान समय में सबसे खराब मानवाधिकार रिकार्ड वाले देशों में एक है। धार्मिक स्वतंत्रता पर विभिन्न देशों के मंत्रियों के एक सम्मेलन में पोम्पिओ ने अपने संबोधन में कहा कि सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि विश्व की 83 फीसदी जनसंख्या उन देशों में रहती है जहां धार्मिक आजादी खतरे में है या लोगों को उससे पूरी तरह वंचित किया जाता है। 
विदेश मंत्री ने धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन को लेकर कई देशों का नाम लिया लेकिन चीन का विशेष रूप से जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अप्रैल, 2017 से चीन ने शिनजियांग में दस लाख से अधिक मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों को शिविरों में डाल रखा है। उन्होंने कहा कि चीन हमारे समय में सबसे खराब मानवाधिकार रिकार्ड वाले देशों में एक है। वाकई यह इस सदी पर एक धब्बा है।
पोम्पिओ ने कहा कि चीन में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी चीनी लोगों एवं उसके अंतर्मन पर नियंत्रण कायम करना चाहती है। क्या यह धार्मिक विश्वास की आजादी के गारंटी के अनुरूप है जिसका सीधा चीन के संविधान में उल्लेख है। उन्होंने चीन में मानवाधिकार के कई उदाहरण दिये। पिछले साल सितंबर में फालून गोंग के सदस्य चेन हुइक्सिया को महज अपने धर्म का पालन करने को लेकर साढ़े तीन साल की सजा दी गयी। मई, 2018 में प्रशासन ने चेंगडू के गैर पंजीकृत गिरजाघर अर्ली रेल कोवेंट चर्च के पास्टर वांग यी को धार्मिक स्वतंत्रता पर सरकार के नियंत्रण की खुलेआम आलोचना करने को लेकर गिरफ्तार कर लिया।

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