दोपहिया गाड़ियों को खरीदने वालों को उसकी कीमत का करीब १० प्रतिशत तो सिर्फ इंश्योरेंस प्रीमियम के तौर पर चुकाना पड़ रहा है । इसी तरह कार खरीदने वालों को भी इंश्योरेंस पर पिछले महीने के मुकाबले ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ रही है । यह हाल ही में आए कोर्ट के २ फैसलों का असर हैं । अदालती आदेश से थर्ड इंश्योरेंस कवर अनिवार्य हो गया है । इसके अलावा कोर्ट ने गाड़ी मालिकों के लिए १५ लाख रुपये का पर्सनल ऐक्सिडेंट कवर भी जरूरी कर दिया है । लॉन्ग टर्म प्रीमियम पेमेंट्स की वजह से नई गाड़ियों की कीमत बढ़ गई है ।
अब अगर कोई दोपहिया गाड़ी खरीदने जा रहा है तो उसके लिए ५ साल के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर भी लेना अनिवार्य है ।
इसके अलावा उसे ऐनुअल पर्सनल ऐक्सिडेंट कवर भी खरीदना होगा । इस वजह से दोपहिया गाड़ी के दाम के करीब १० प्रतिशत तक इंश्योरेंस प्रीमियम के तौर पर जमा करना पड़ रहा है । उदाहरण के तौर पर अगर किसी १५० सीसी की बाइक की कीमत ७५,००० रुपये है तो उसका इंश्योरेंस प्रीमियम ७६०० रुपये होगा ।
बात अगर कारों की करें तो खरीदार को ३ लाख के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना अनिवार्य है । इसके अलावा उसे पर्सनल एक्सिडेंट कवर के लिए ७५० रुपये अतिरिक्त खर्च करने पडेंगे । १००० सीसी से ज्यादा क्षमता के इंजन वाली कारों के खरीदारों को इंश्योरेंस के लिए करीब २० हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं । सितंबर तक इसके लिए करीब १०,००० रुपये खर्च करने पड़ते थे ।
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