केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उन रिपोर्टों का खंडन किया है जिसमें ऐसा कहा जा रहा था कि उन्होंने एक इंटरव्यू में चुनाव के दौरान पीएम द्वारा जनता के अकाउंट में १५ लाख रुपये जमा कराने के वादे का जिक्र किया है । नितिन गडकरी ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि उन्होंने एक मराठी चैनल को इंटरव्यू दिया था और उसे सही से न समझकर गलत स्टोरी प्रकाशित की गई । गडकरी ने कहा कि उन्होंने इंटरव्यू में पीएम मोदी और १५ लाख का जिक्र नहीं किया था । उन्होंने लोगों से अपील की कि वे पहले पूरा इंटरव्यू देखें और जिन्हें मराठी नहीं आती वे इसका अनुवाद करवाकर समझें । दरअसल, एक मराठी चैनल को दिए गया उनका इंटरव्यू वायरल हो रहा है । बताया जा रहा है कि उन्होंने यह स्वीकार किया है कि बीजेपी को भरोसा था कि वह सत्ता में नहीं आ सकती, इसलिए उसने चुनाव के वक्त बड़े-बड़े वादे किए । वहीं इस खबर का खंडन करते हुए गडकरी ने कहा, एक मराठी चैनल ने मेरा इंटरव्यू किया था और चुनावी वादे को लेकर सवाल पूछा था । मैंने कहा था कि महाराष्ट्र चुनाव के दौरान गोपीनाथ मुंडे और देवेंद्र फडणवीस ने मुझसे कहा कि वे टोल समाप्त करने की बात घोषणापत्र में शामिल करना चाहते हैं, तो मैंने कहा था कि इससे आर्थिक परेशानी आएगी । मेरा बस यह कहना था कि जब हम कई साल विपक्ष में होते हैं और चुनाव के वक्त जाहिरनामा तैयार करते है तो बड़े वादे करते हैं क्योंकि हमें सत्ता में रहने का अनुभव नहीं होता । मैंने इंटरव्यू में कभी पीएम मोदी और १५ लाख का जिक्र नहीं किया । गडकरी ने इस खबर पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया को लेकर उनकी खिंचाई की । उन्होंने कहा, राहुल कब से मराठी समझने लगे । उन्हें मराठी नहीं आती । केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने साथ ही कहा, मैं जो वादा करता हूं उसे पूरा करता हूं । महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार ने टोल को लेकर किया वादा पूरा किया है । राहुल ने इस इटरव्यू का क्लिप शेयर करते हुए ट्वीट किया था, सही फरमाया जनता भी यही सोचती है कि सरकार ने लोगों के सपनों और उनके भरोसे को अपने लोभ का शिकार बनाया है ।
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