अहमदाबाद की साबरमती सेन्ट्रल जेल में कैदी अपने परिवार के साथ आराम से बात करने के साथ उनको देख सके इसके लिए छह महीने पहले जेल प्रशासन ने वीडियो कॉलिंग (ई-मुलाकात) की सिस्टम शुरू की थी । जो अब बंद होने के कगार पर है । नैशनल इन्फोर्मेटिक सिस्टम ने वीडियो कोलिंग के लिए दी गई निःशुल्क स्कीम का डेटा कम हो जाने पर हाल हररोज दो कैदियों को इसका लाभ मिलता है । सरकार ने वीडियो कॉलिंग के लिए की गई घोषणा बाद ४०० से ज्यादा कैदियों के परिवार ने ऑनलाइन फॉर्म भरा है फिर भी वीडियो कॉलिंग का लाभ नहीं मिला है । जबकि ६२५ कैदियों ने अपने परिवार के साथ वीडियो कॉलिंग से बातचीत की है । साबरमती सेन्ट्रल जेल और बडौदा जेल में तारीख ०१.०८.२०१७ को वीडियो कॉलिंग सिस्टम शुरू की थी । वीडियो कॉलिंग का लाभ लेने के लिए कैदी के परिवारवालों ने ऑनलाइन फॉर्म भरना पड़ता है, जिसके आधार पर जेल प्रशासन एनआईसी (नैशनल इन्फोर्मेटिक सेन्टर) की एप्लीकेशन डाउनलोड करने की लिंक और कामचलाऊ लोग इन आइडी और पासवर्ड कैदी के परिवारवालों को दिया जाता है । इसके बाद निश्चित किए गए समय पर कैदी और उसके परिवारवालों के बीच २० मिनट तक बातचीत होती है । यह सिस्टम शुरू होने पर हररोज १५ कैदी वीडियो कॉलिंग से अपने परिवार के साथ बात करते थे । अभी तक ६२५ कैदियों ने अपने परिवार के साथ वीडियो कॉलिंग से बातचीत की है । साबरमती सेन्ट्रल जेल के इंचार्ज जेल अधीक्षक वीएच. डिंडोर ने बताया है कि एनआईसी एक हजार निःशुल्क कॉल दिए थे । जो अब पूरा होने वाले है । जिसके कारण हररोज दो कैदी वीडियो कॉलिंग पर बातचीत करते है । स्कीम पूरा होने के बाद एक वीडियो कॉल के ३०० से ३५० रुपये चार्ज चुकाने पड़े ऐसी संभावना है । जिसकी वजह से कोई दूसरी वीडियो कॉलिंग की एप द्वारा कैदी अपने परिवार के साथ बातचीत कर सके इसका प्रयास चालू है ।
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