वर्ष २०१७ में आयोजित हुई गुजरात विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी की गई है । गृह में ओबीसी की संख्या में उल्लेखनीय तरीके से वृद्धि हुई है । गृह की संख्या बढ़ने के लिए कई कारण रहे है । जाति लाइन की बात की जाए तो स्थिति अलग तरीके से सामने आती है । जाति आधारित आंदोलन के कारण मतदान में भी इसकी भूमिका रही है । एससी-एसटी और ओबीसी द्वारा हाल में अलग-अलग मुद्दे को लेकर आंदोलन किया गया था । वर्ष २०१७ के चुनाव में मतदाताओं ने ओबीसी विधायकों की पसंदगी ज्यादा की है । दोनों पार्टियों में से ६२ को चुना गया है । वर्ष २०१२ की तुलना में तीन विधायक ज्यादा है । पाटीदार के केस में लेउवा तथा कडवा दोनों में से ४५ विधायकों को चुना गया है । कांग्रेस पार्टी का संख्याबल जो वर्ष २०१२ में था इसके सामने दो कम है । ओबीसी विधायकों की बात की जाए तो १६ ठाकोर और १४ कोली के होते हैं । ओबीसी ब्रेक अपनी बात किया जाए तो ठाकोर में १६, चौधरी के तीन, अहीर के छह, कोली के पांच, कोली पटेल के १४ और अन्य १८ शामिल है । जबकि अलग-अलग धर्म के सदस्यों की बात की जाए तो हिन्दू विधायक १७३ रहे है । जैन के तीन, मुस्लिम के तीन, इसाई का एक सदस्य है । पार्टी के साथ पाटीदार रहे इसके लिए भाजपा ने कई प्रयास किए हैं । कुल पाटीदार नोमिनेसन कोई बदलाव नहीं हुआ है । पार्टी ने ५२ पाटीदारों को मैदान में उतारा था । वर्ष २०१२ में भी ५२ पाटीदारों को मैदान में उतारा था । वर्ष २०१२ में कांग्रेस ने ५७ ओबीसी को मैदान में उतारा था ।
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