Aapnu Gujarat
બિઝનેસ

नोटबंदी की आंधी के बाद वेडिंग इंडस्ट्री फिर उबर गई

नोटबंधी ने वेटिंग इंडस्ट्री को बुरी तरह प्रभावित किया था । उससे जुडे लम्हे सचिन सिंघल को अब भी अच्छी तरह याद है । ज्यादातर शादियों की कारीखें आगे बढानी पडी थी और उनका बजट ५० से ८० प्रतिशत तक घटाना पडा था । लोग शादी समारोहों में हाथ बांधकर खर्च करने लगे । इसके चलते जूलरी और डिजाइनर वेअर इंडस्ट्रीज लाईफ सपोर्ट पर आ गई । भव्य भारतीय शादी समारोह बस नाम के रह गए । यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जापान में दिए भाषण में वेडिंग मार्केट पर नोटबंदी के असर का जिक्र किया । उन्होंने कहा था कि घर में शादी है, पैसे नहीं है । नोटबंधी हुए सालभर हो गए हैं । वेडिंग पोर्टल बैंडबाजा के को-फाउंडर और सीईओ सिंघल बताते है कि वेडिंग इंडस्ट्री पूरी तरह से पटरी पर लौट आई हैं । डेस्टिनेशन वेडिंग्स की डिमांड में खासी बढोतरी हुई है । ज्यादातर पेमेंट ओनलाइन होने लगे हैं और लोगों ने शादी का बजट फिर बडा कर लिया है । बाजार का मूड बेहतर हैं । उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री का आकर्षण लौट आया है । बैंड, बाजा और बारात फिर से पहले जैसे धमाकेदार हो गए हैं । दिल्ली के रोहिणी इलाके में रहने वाले दीपक गुप्ता अपने बेटे की शाद पर खर्च में कोई कोर कसर नहीं छोडने जा रहे है । मैंने इसी महीने हो रही बेटे की शाद पर दो करोड रुपये खर्च करने का प्लान बनाया है । गुप्ता का कहना है कि भव्य शादी विवाह के आयोजन का मतलब काला धान और धन संपत्ति का प्रदर्शन करना नहीं होता था । उन्होंने कहा कि में सारे पेमेंट चेक से कर रहा हूं । पिछले साल कैश नहीं होने के चलते शादियों की रौनक खत्म हो गई थी । हालांकि इस वेडिंग सीजन में कोई कमी नहीं रहने वाली है ।
एशिया में ब्राइडल और लाइफ एग्जिबिशन की अगुवा कंपनी ब्राइडल एशिया के चीफ ओपरेटिंग ओफिसर ध्रुव गुरवारा की बातों में भी बाजार को लेकर बडा उत्साह दिख रहा है । ध्रुव बताते है कि वेडिंग मार्केट में खर्च करने का हौसला कभी कम नहीं रहा हैं । उन्होंने कहा कि देश में भव्य विवाहों का दौर फिर आ गया है ।

 

Related posts

वित्त वर्ष २०१९-२० की पहली तिमाही में ११ % गिरी मकानों की बिक्री : रिपोर्ट

aapnugujarat

એક્ઝિટ પોલ અને ચૂંટણી રિઝલ્ટ બજારની દિશા નક્કી કરે તેવી વકી

aapnugujarat

એસબીઆઇ દ્વારા બેઝ રેટમાં ઘટાડો કરાયો

aapnugujarat

Leave a Comment

UA-96247877-1