वित्त वर्ष २०१९-२० की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश के प्रमुख नौ शहरों में आवासीय इकाइयों की बिक्री ११ प्रतिशत कम रही है । इस दौरान इन नौ शहरों में करीब ७२ हजार मकान ही बिके हैं । एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है । दरअसल, खरीदार लोकसभा चुनाव के नतीजों का इंतजार कर रहे थे, क्योंकि उन्हें आशंका थी कि अगर राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति बनी तो उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है । प्रॉपर्टी ब्रोकरेज कंपनी प्रॉपटाइगर ने एक रिपोर्ट में कहा है कि बजट में किफायती आवास के लिए अतिरिक्त कर राहत तथा केंद्र सरकार में राजनीतिक स्थिरता के कारण आने वाले समय में मांग में तेजी देखने को मिल सकती है । यह रिपोर्ट नौ शहरों अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, गुरुग्राम, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, नोएडा और पुणे के आंकड़ों पर आधारित है । रिपोर्ट के अनुसार, नकदी संकट तथा चुनाव के कारण इन शहरों में नई आवासीय इकाइयों की आपूर्ति ४७ प्रतिशत गिरकर ३७,८५२ इकाइयों पर आ गई है । प्रॉपटाइगर, हाउसिंग डॉट कॉम और मकान डॉट कॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बिक्री और पेशकश दोनों में गिरावट देखने को मिली है । हालांकि, आने वाले समय के लिए परिदृश्य सकारात्मक है । केंद्र में स्थिर सरकार तथा बजट में आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र के लिये प्रोत्साहन की घोषणा उत्प्रेरक का काम करेंगे । उन्होंने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही के दौरान तीनों पोर्टलों पर ट्रैफिक बढ़ा है । इससे पता चलता है कि लोग चुनाव के कारण रुककर स्थिति का आकलन कर रहे थे ।