फिलहाल में मोनसून की भारी बारिश से अहमदाबाद शहर के धुल गये, टूट गये, गड्ढे हो गये और खराब रास्तों के मुद्दे पर गुजरात हाईकोर्ट में पीआईएल की अर्जी दाखिल हुई है । जिसकी सुनवाई में जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीएन कारिया की खंडपीठ ने राज्य सरकार, अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन सहित के सत्ताधीशों को नोटिस जारी करके खुलासा के साथ सविस्तार रिपोर्ट मांगा गया था । हाईकोर्ट ने केस की सुनवाई के दौरान अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और औडा सत्ताधीशों को फटकार लगाते हुए कहा है कि, शहर के खराब रास्तों के बारे में अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और औडा के अधिकारियों को खुद बाइक पर निकलकर चक्कर लगाये यानी कि रास्तों के बारे में मालूम हो जाएगा क्या हालत है । हाईकोर्ट ने अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और औडा द्वारा शहर के रास्ते जिस प्रकार से बनाये जाते है और हर मोनसून में यह धुलकर टूट जाती है इस मुद्दे पर भी यह दोनों सत्ताधीशों की आलोचना की थी ।
हाईकोर्ट ने अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और औडा सत्ताधीशों को फटकार लगाते हुए कहा है कि, खराब रास्तों के मामले में प्रशासन जिम्मेदारी नहीं ले रहा है और लोग इसके कारण परेशान हो रहे है । लोगों की सुविधा और सेवा करने की जिम्मेदारी प्रशासन की है लेकिन प्रशासन की निष्क्रियता देखते हुए नागरिकों की शिकायत को नजरअंदाज किया जा रहा है । कॉर्पोरेशन और औडा के सत्ताधीश रोड पर निकले तो मालूम हो जाएगा कि, लोगों को क्या परेशानी हो रही है । खराब रास्तों को लेकर लोगों को परेशानी का सामना करना पड रहा है और दुर्घटना में नागरिक शिकार हो रहे है अब समय आ गया है कि, सरकार और अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन सत्ताधीशों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए । हाईकोर्ट ने इस केस में म्युनिसिपल कमिशनर मुकेशकुमार, मेयर गौतम शाह, स्टेन्डिंग कमिटी के चेयरमैन प्रवीणभाई पटेल को व्यक्तिगत पक्षकार के तौर पर शामिल होने के लिए निर्देश दिया गया था ।
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