तीरूपति कपासिया तेल में मिलावट साबित होने के सनसनी केस में अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की कोर्ट नंबर-८ ने फिर एकबार दोषी एन.के. प्रोटीन्स कंपनी को अभी तक के इतिहास में सबसे ज्यादा पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है,जबकि कंपनी के आरोपी नोमीनी पंकज के. याज्ञिक को तीन वर्ष की कैद की सजा देते हुए महत्व का ऐतिहासिक फैसला जारी किया गया है । कोर्ट ने इस केस में निकोल गांव के बंडीधारी ओइल ट्रेडर्स के व्यापारी केतन जगाभाई पटेल को १० हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है । तीरूपति कपासिया तेल में मिलावट के केस में ऐतिहासिक फैसला देते हुए यदि एनके प्रोटीन्स कंपनी जुर्माने की रकम नहीं चुकाये तो इसकी संपत्ति को जब्त करके जुर्माने की रकम रेवन्यु के तौर पर वसूलने का आदेश दिया गया था । इसके अलावा, कंपनी के आरोपी नोमीनी पंकज के. याज्ञिक विशेष बयान दर्ज करने के समय से कोर्ट में उपस्थित नहीं होने से उनको पकड़कर साबरमती जेल में भेजने का पुलिस कमिशनर को आदेश दिया था ।इसके सिवाय सींगतेल और कपासिया तेल में मिलावट के अन्य केस में कोर्ट ने अन्य ९ डिस्ट्रीब्युटर्स-उत्पादक तथा व्यापारियों को भी ६ महीने से लेकर ३ वर्ष तक कैद का आदेश और १० हजार रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक के जुर्माने के महत्व के आदेश दिए थे । अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की तरफ से एडवोकेट मनोज खंधार ने कोर्ट को इस बारे में बताया है कि, गैरस्वास्थ्यप्रद तेल की बिक्री का अपराध यह समाज के सभी वर्गों को स्पर्श करता अपराध है । सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए ऐसे काम दानव के समान बताया गया है । एनके प्रोटीन्स कंपनी के पैक टीन में सेम्पल लिया गया है और इसमें मिलावट साबित हुई है तब कंपनी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी बनती है । लेकिन स्थानीय लेबोरेटरी के अलावा, सेन्ट्रल लेबोरेटरी में भी सेम्पल में मिलावट साबित हुई है । यह संजोगों में एनके प्रोटीन्स कंपनी, अपने नोमीनी और अन्य आरोपियों विरूद्ध केस साबित होता है ।
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