ईरान ने 2015 में उसके साथ हुए परमाणु समझौते को बचाए रखने के लिए अंतिम मौके के तौर विश्व शक्तियों को 60 दिन का समय दिया है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मूसावी ने पत्रकारों से कहा कि सितंबर के बाद इस समझौते को बचाए रखने के लिए ईरान आगे किसी ‘अंतिम समयसीमा’ की पेशकश नहीं करेगा।
ईरानी अधिकारियों ने कहा था कि समयसीमा के खत्म होते ही देश समझौते के अनुपालन के संबंध में कदम उठाना बंद कर देगा। मूसावी ने कहा कि ईरान ने अपने यूरोपीय सहयोगियों के साथ अब भी बातचीत के रास्ते खुले रखे हैं और उम्मीद जतायी कि वे अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में कदम उठायेंगे।