ईरान ने गुरुवार को एक अमेरिकी ड्रोन को मार गिराने का दावा किया है। आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच इस समय जबर्दस्त तनाव है, और यदि ईरान का दावा सच साबित होता है तो आने वाले कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण रहने वाले हैं। अमेरिका और ईरान में पहले से ही काफी तनाव है, इस बीच US के एक शक्तिशाली ड्रोन को तेहरान ने मार गिराया है। दोनों देशों ने अपने-अपने दावे किए हैं पर अमेरिका ने स्वीकार किया है कि ईरान ने उसके 18 करोड़ डॉलर के शक्तिशाली जासूसी ड्रोन को गिरा दिया है। इसके फौरन बाद ईरान ने ऐलान कर दिया कि वह जंग के लिए पूरी तरह से तैयार है। गल्फ क्षेत्र में बढ़ता तनाव पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात है क्योंकि यह खबर ऐसे समय में आई है जब हाल ही में एक रिपोर्ट में आशंका जताई गई थी कि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के चलते परमाणु युद्ध हो सकता है।
मेल ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक US ने ईरान की सेना के उस दावे को खारिज किया है कि यह ड्रोन उनके हवाई क्षेत्र में था। ईरान के कमांडर हुसैन सलामी ने बृहस्पतिवार को घोषणा कर दी कि उनके जवान जंग के लिए तैयार हैं। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका के ड्रोन को गिरा दिया गया क्योंकि हमारी सीमाएं ही रेड लाइन हैं और इसने यह पार कर दिया था।
तेहरान ने कहा है कि उसने RQ-4 ग्लोबल हॉक ड्रोन को अपने दक्षिणी तटीय प्रांत हॉरमूजगन के आसमान में मार गिराया। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यह नेवी का MQ-4C ट्राइटन था जो अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में मौजूद था। दोनों पक्षों के दावे लगभग समान हैं क्योंकि ट्राइटन ड्रोन ग्लोबल हॉक का ही एक प्रकार है। रिवॉल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख सलामी ने कहा कि ईरान की सीमाएं हमारी रेड लाइन हैं। कुछ लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘कोई भी दुश्मन, जो हमारी सीमाओं को पार करेगा, उसे तबाह कर दिया जाएगा।’ रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि अमेरिकी ड्रोन को तेहरान का जवाब ईरान की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात जवानों की तरफ से दिया गया स्पष्ट संदेश है। कमांडर ने आगे कहा, ‘ईरान सभी विदेशी आक्रमण का जवाब देगा।
इससे पहले अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड के एक प्रवक्ता, नेवी कैप्टन बिन अर्बन ने कहा कि बुधवार को कोई भी US एयरक्राफ्ट ईरान के आसमान में नहीं उड़ रहा था। अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने कहा कि पिछले हफ्ते ईरान ने एक अन्य ड्रोन पर मिसाइल दागी थी। आपको बता दें कि अमेरिका का आरोप है कि पिछले दिनों तेल के जहाजों पर हुए हमले में ईरान का हाथ था, जबकि तेहरान इससे इनकार करता है।