पुलवामा आतंकी हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े प्रहार जारी रखने के बयान के बाद पाकिस्तान डर गया है । पुलवामा का बदला लेने के लिए भारत ने बालाकोट में जैश के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर उसे ध्वस्त कर दिया था । अब पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से अनुरोध किया है कि भारत को संस्था के एशिया प्रशांत संयुक्त समूह के सह अध्यक्ष पद से हटाया जाए । पाकिस्तान का कहना है कि भारत के सह अध्यक्ष रहते पाकिस्तान को लेकर निष्पक्ष समीक्षा नहीं हो सकती है ।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने पेरिस स्थित संस्था एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्शल बिलिंगसलीआ को भेजे एक पत्र में भारत के अलावा किसी अन्य सदस्य देश को एशिया पेसिफिक जॉइंट ग्रुप का सह अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए कहा है ताकि एफएटीएफ की समीक्षा प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और वस्तुनिष्ठ हो । उमर ने पत्र में लिखा है, पाकिस्तान के प्रति भारत का द्वेष भाव जगजाहिर है और हाल में पाकिस्तान के वायु क्षेत्र का उल्लंघन और पाकिस्तानी क्षेत्र में बम गिराया जाना भारत के शत्रुतापूर्ण रवैया का एक और उदाहरण है । पाकिस्तान एशिया पसिफिक ग्रुप का सदस्य है । एफएटीएफ के सामने एपीजी ने ही पाकिस्तान का पक्ष रखा है । भारत के फाइनैंशन इंटेलिजेंस यूनिट के डायरेक्टर जनरल इस ग्रुप के सह अध्यक्ष हैं। उमर ने अपने पत्र में लिखा है, पाकिस्तान के प्रति भारत का रवैया काफी दुर्भाग्यपूर्ण रहा है और हाल ही में भारत ने पाक के वायु सीमा का उल्लंघन करके बम फेंके थे । पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने का जिक्र करते हुए उमर ने कहा, भारत के इस समूह का सह अध्यक्ष होने ने से रिव्यू प्रक्रिया का निष्पक्षता से होना मुश्किल है। हमारा मानना है कि भारत पाक के प्रति जायज रवैया नहीं दिखाएगा । १८-२२ फरवरी को हुई समीक्षा बैठक के दौरान एफएटीएफ ने पाया कि जनवरी २०१९ तक पाकिस्तान ने आतंक के खिलाफ कार्रवाई में बेहद कम बढ़ोतरी की है । पाकिस्तान की कार्रवाई पर असंतुष्टि जताते हुए एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की है ।
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