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दूसरे बैंक के एटीएम ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं कस्टमर्स

बैकों ने एक तरफ नए एटीएम लगाने की योजना पर ब्रेक लगा दिया है तो दूसरी तरफ सिस्टम में डेबिट काड्‌र्स का यूज लगातार बढ़ता ही जा रहा हैं । इसके चलते कस्टमर्स को कैश निकालने के लिए पहले से ज्यादा बार दूसरे बैकों के एटीएम पर जाना पड़ रहा हैं । एनपीसीआई और आरबीआई के डेटा के मुताबिक पिछले छह महीने से इस ट्रेंड ने जोर पकड़ा हैं । नोटबंदी से पहले ४० पर्सेट कस्टमर्स दूसरे बैक का एटीएम यूज किया करते थे, जो बाद में बढ़कर लगभग ५५ पर्सेट हो गया । बैकर्स का कहना है कि इससे बैकों को ज्यादा इंटरचेंज फीस चुकानी पड़ रही हैं । चालू एटीएम की संख्या पहले से कम हो गई हैं । हिताची पेमेंट्‌स के मैनेेजिंग डायरेक्टर लोनी एंटनी का कहना है कि नोटबंदी से पहले ६० पर्सेट कस्टमर्स ट्रांजैक्शन के लिए अपने बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करते थे । अब यह ५०-५० पर्सेट हो गया हैं । इस ट्रेड की पुष्टि आरबीआई और एनपीसीआई के डेटा से भी हुई । जून में कुल ६६ करोड़ डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन हुए थे, जिनमें से कस्टमर्स ने ३७ करोड़ ट्रांजैक्शन के लिए दूसरे बैंक के एटीएम का इस्तेमाल किया जो ५६ पर्सेट के बराबर हैं । जनवरी और अप्रैल में भी कुछ ऐसा ही हुआ था । अगर ट्रेड की तुलना नोटबंदी से महीने भर पहले अक्टूबर २०१६ के डेटा से करें तो उस महीने कुल ८०.२ करोड़ एटीएम ट्रांजेक्शन हुए थे । कस्टमर्स ५२ पर्सेट ट्रांजैक्शन अपने बैंक के एटीएम से करते पाए गए जबकि दूसरे बैकों के एटीएम यूज करनेवालों का पर्सेटेज ४८ रहा । छोटे सरकारी बैकों के पास कम एटीएम का नेटवर्क है इसलिए मुमकिन है कि वे लोग दूसरे बैकों के एटीएम यूज कर रहे हो ।

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