शंकरसिंह वाघेला ने आज कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया हैं । वाघेला गुजरात की राजनीति में शक्तिशाली नेता के तौर पर रह चुके हैं । अपने करियर की शुरुआत जनसंघ से की थी । बाद में जनसंघ जनता पार्टी में तब्दील हो गई । विभिन्न पार्ट में जनता पार्टी विभाजीत होने के बाद वाघेला भाजपा के वरिष्ठ नेता बने । १९९६ में भाजपा छोड़ने के बाद राष्ट्रीय जनता पार्टी की रचना की । वाघेला १९९६ से १९९७ के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर रह चुके हैं । वह ४० सालों से भी ज्यादा समय से राजनीति में हैं । कभी उन्हें नरेन्द्र मोदी का गुरु माना जाता था । वाघेला एक मात्र ऐसे नेता हैं जो भाजपा और कांग्रेस दोनों के अध्यक्ष रह चुके हैं । अक्टूबर १९९६ से अक्टूबर १९९७ तक वाघेला गुजरात के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं । वाघेला गुजरात के उन नेेताओं में गिने जाते हैं, जिनका अपना जनाधार हैं । पूरे गुजरात में उनके समर्थक फैले हुए हैं । अपनी इस छवि के चलते वह चाहते थे कि इस बार के चुनाव में कांग्रेस उनको मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दे, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया । मीडिया रिपोर्ट ने मुताबिक कुछ समय पहले गुजरात विधानसभा में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ वाघेला की मुलाकात भी हुई थी । उस मुलाकात कुछ समय पहले गुजरात विधानसभा में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ वाघेला की मुलाकात भी हुई थी । उस मुलाकात कुछ समय पहले गुजरात विधानसभा चुनावों के लिहाज से राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे थे । शंकरसिंह वाघेला ने कुल ६ बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था । ३ बार वह सांसद बने थे । गुजरात के दिग्गज नेता वाघेला साल १९७७ में पहली बार सांसद बने थे । १९७५ में इमरजेंसी के वाघेला जेल भी जा चुके हैं ।