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खराब अर्थव्यवस्था को एक्ट ऑफ गॉड कहने पर ट्रोल हुईं वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना महामारी ने जीएसटी कलेक्शन पर काफी बुरा असर डाला है। 41वीं जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के बाद मीडिया के सामने वित्त मंत्री ने ये बात कही। उन्होंने ये भी कहा कि देश की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस के रूप में सामने आए असाधारण ‘एक्ट ऑफ गॉड’ का सामना कर रही है, जिसकी वजह से इस साल अर्थव्यवस्था के विकास की दर सिकुड़ सकती है।
वित्त मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2015 में जीएसटी क्षतिपूर्ति अंतर 2.35 लाख करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। यह इसलिए है क्योंकि केंद्र को कोविड द्वारा प्रभावित आर्थिक गतिविधियों के कारण जीएसटी उपकर से केवल 65,000 करोड़ रुपए एकत्र करने की उम्मीद है। बता दें कि 3 लाख रुपए जीएसटी कलेक्शन की उम्मीद थी। निर्मला सीतारमण ने ‘एक्ट ऑफ गॉड’ का जिक्र किया ही था कि वह ट्विटर पर ट्रेंड भी होने लगा। लोग उस पर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं शेयर करने लगे। कोई आलोचना करने लगा, तो किसी ने भगवान की तस्वीरें भी शेयर करनी शुरू कर दीं।
कुछ यूजर निर्मला सीतारमण की ओर से एक्ट ऑफ गॉड कहे जाने को पल्ला झाड़ने जैसा कह रहे हैं। वह कह रहे हैं कि मोदी सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए ऐसा कह रही है। उनका कहना है कि ऐसी बातें दिखाती हैं कि मोदी सरकार फेल साबित हुई है। स्वीडन की अपसला यूनिवर्सिटी में पीस एंड कॉन्फ्लिक्ट रिसर्च के प्रोफेसर अशोक स्वैन लिखते हैं कि यह आपको गॉड मोदी का एक्ट है। यानी वह कहना चाह रहे हैं कि यह मोदी सरकार की वजह से हुआ है, ना कि भगवान की वजह से। कुछ यूजर्स ने तो निर्मला सीतारमण की तुलना ओह माय गॉड फिल्म के किरदारों से कर दी है और लिखा है कि इन सभी लोगों ने भक्तों को भगवान के नाम पर बेवकूफ बनाया है।

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