भारत में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने कहा कि वह भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के संबंध में की गई ‘‘घोषणा की कड़ी निंदा” करता है। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत का यह फैसला गलत है और पाकिस्तान इस मुद्दे को इस्लामिक सहयोग संगठन यानि Organisation of Islamic Cooperation (OIC) में जोर-शोर से उठाएगा । पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत का फैसला हमें स्वीकार्य नहीं है। भारत की कोशिश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के संकल्पों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के खिलाफ है।
पाकिस्तान ने कहा है कि पाकिस्तान सरकार, भारत सरकार के इस फैसले का विरोध अतंरराष्ट्रीय स्तर पर करेगा। भारत के इस कदम के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सहारा लेंगे। पाकिस्तान का कहना है, ‘कश्मीर का मुद्दा एक अंतराष्ट्रीय विवाद है। भारत सरकार कश्मीर पर कोई एक पक्षीय फैसला नहीं कर सकती है। न ही इससे विवादित कश्मीर का मुद्दा शांत होगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यह मुद्दा उठा है, यह फैसला न तो पाकिस्तान को मंजूर है, न ही जम्मू और कश्मीर को लोगों को। ‘इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि भारत अगर अनुच्छेद 35-ए से छेड़छाड़ करता है तो कश्मीर की समस्या बढ़ जाएगी। आज गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन विधेयक 2019 राज्य सभा में पेश किया। इसके तहत जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया गया है। जम्मू-कश्मीर का पहला हिस्सा जम्मू-कश्मीर ही होगा। ये दिल्ली की तरह एक केंद्र शासित प्रदेश होगा। यहां पर एक विधानसभा होगी। अबतक जम्मू-कश्मीर के साथ रहने वाला लद्दाख अब अलग केंद्र शासित प्रदेश हो गया है। लद्दाख में विधानसभा नहीं रहेगी।
वह भारत के कश्मीर पर इस जुल्म को कतई सहन करेंगे और जल्द ही कोई एक्शन लेंगे। बता दें कि इससे पहले भी ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के शामिल होने की वजह से पाकिस्तान ने इस बैठक में भाग न लेने का फैसला किया था। तब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी कहा था कि वह विदेश मंत्रियों की काउंसिल बैठक में शिरकत नहीं करेंगे। यह उसूलों की बात है, क्योंकि (भारत की विदेशमंत्री) सुषमा स्वराज को ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ के रूप में न्योता दिया गया है। ”