नोटबंदी और जीएसटी बाद अब मोदी सरकार फाइनान्सियल रिसोल्युशन एंड डिपोजिट इंश्योरेंस बिल-२०१७ (एफआरडीआई बिल -२०१७) लोकसभा में पेश करने के बाद अब इसे कानून के रूप में देश में लागू करना चाहता है लेकिन यदि यह एफआरडीआई बिल लागू होगा, तो इसके देश के सामान्य नागरिक के जेब कट जायेंगे और सामान्य जनता की मेहनत और बचत के पैसे बैंकों के द्वारा ही लूट लेने का नियम बनाया गया है । आसान शब्दों में कहे तो, यह एक ऐसा कानून होगा, जिसमें कोई भी नागरिक को अपने हाथ की कलाई काटकर बैंक को देने जैसी बात है । कांग्रेस आगामी संसद सत्र में यह बिल का भारी विरोध करेगी लेकिन गुजरात सहित देश की जनता ने मोदी सरकार के यह काम के विरूद्ध जागरूक और सावधान रहना पडेगा यह कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता और वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने आज अहमदाबाद में बताया था । कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता अजय माकन ने एफआरडीआई बिल को लेकर मोदी सरकार और भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा है कि, मोदी सरकार ने लगाये हुए नोटबंदी और जीएसटी के देश की जनता उभर नहीं पायी है वहीं पर, मोदी सरकार और देश के नागरिकों पर एक और प्रहार करके उनकी जीवनभर की पूंजी, मेहनत की कमाई और बचत को बैंकों के द्वारा लूट लिया जाए ऐसे प्रावधानों के साथ यह कानून को लागू करने के लिए जोरशोर से प्रयास हो रहा है । देश के लिए बड़े कॉर्पोरेट डिफोल्टर के कारण बैंकों की स्थिति चिंताजनक है तब बैंकों को जनता के पैसे को लूटने का विचार मोदी सरकार को किसने दिया और किसके इशारे पर बड़े डिफोल्टर और लेनदारों के पास से कर्ज वसूल करने के बजाय जनता के पैसे बैकिंग सेक्टर को आर्थिक करने का प्रयास हो रहा है ऐसा गंभीर प्रश्न को उठाया था । एफआरडीआई के नये कानून में खाताधारक के खाता और पैसे की कोई सुरक्षा नहीं है । कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता अजय माकन ने दूसरे एक महत्व के मुद्दे पर ध्यान दिलाते हुए कहा है कि, इस बिल में पहले के द डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गैरन्टी कॉर्पोरेशन एक्ट-१९६२ को खत्म कर दिया जाएगा जिसके द्वारा बैंकों में खातेधारकों की जमा रकम या एफडी पर एक लाख रुपये तक की बीमा सुरक्षा मिलती थी ।
પાછલી પોસ્ટ