Aapnu Gujarat
રાષ્ટ્રીય

पश्चिमी और मध्य भारत में घट रहे बारिश कराने वाले बादल

मॉनसुन के सीजन में कम ऊंचाई पर उड़ने वाले बादल ही अमूमन बारिश कराते हैं । ये बादल ६५०० फीट की ऊंचाई तक मिलते हैं । हाल के सालों में इन लो क्लाउड्‌स की न केवल मोटाई में कमी आई हैं । बल्कि ये घट भी गए हैं । भारतीय मौसम विभाग की ओर से बीते ५० साल के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद यह रिपोर्ट सामने आई हैं । इसका मतलब यह है कि आने वाले वक्त में गर्मी वाले दिनों की संख्या बढ़ेगी और कम दिनों तक बारिश होगी । इसके अलावा, रात और दिन के तापमान में बड़े अंतर वाले दिन बढ़ेगे । मॉनसुन के मौसम की भारत में होने वाली बारिश में कुल हिस्सेदारी करीब ७० फीसदी हैं । स्टडी के मुताबिक, पंजाब से बिहार तक फैले उतरी हिस्सों में कम ऊंचाई वाले बादलों में हर दशक में ४ से ८ पर्सेट की बढ़ोतरी नजर आई । वहीं पश्चिमी तटीय इलाकों और मध्य भारत में इन बादलों के मामले में हर दशक में ४ से ६ पर्सेट की गिरावट नजर आई । इसके मतलब इन इलाकों में न केवल कम बारिश होगी, बल्कि यहां तापमान भी ज्यादा रहेगा । बता दें कि इस स्टडी को भारतीय मौसम विभाग के एकें जायसवाल, पीके कोड़े और वीरेन्द्र सिंह ने किया हैं । हालांकि इस स्टडी में यह नहीं बताया गया है कि इन बादलों की कमी के पीछे सही वजह क्या हैं । आशंका जताई गई है कि वातावरण में बढ़ रहे धूल और धुएं के कण इसकी वजह हैं । भारतीय मौसम विभाग की यह स्टडी इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि हमारी आधी से ज्यादा खेती बारिश पर निर्भर हैं । कम या ज्यादा बारिश खेती की पैदावार पर असर डालेगी । इसके न केवल खाद्य सुरक्षा, बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी बडा असर पड़ेगा । गर्मी वाले ज्यादा दिनों का असर आम लोगों की जिंदगी पर भी होगा । बता दें कि लो क्लाउड की स्टडी और इनसे जुड़ी भविष्यवाणी, दोनों ही मुश्किल हैं ।

Related posts

सत्ता के भूखे और राजनीति के पलटूराम हैं नीतीशः लालू

aapnugujarat

ત્રિપુરાની ૬૦ વિધાનસભા બેઠકો માટે ભારે મતદાન થયું

aapnugujarat

કોંગ્રેસ પોતાના બળ પર ૨૦૧૯માં સત્તામાં આવી શકશે નહીં : સલમાન ખુરશીદ

aapnugujarat

Leave a Comment

UA-96247877-1