आम आदमी को अब दाल की महंगाई सताने लगी है। देश की राजधानी दिल्ली के रिटेल मार्केट में अरहर दाल की कीमतें 100 से 120 रुपए प्रति किलो के भाव तक पहुंच गई है। कमोडिटी एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अरहर दाल की कीमतें उत्पादन में कमी की वजह से बढ़ी है। वहीं, इस साल एक्सपोर्ट भी बढ़ा है, इसीलिए कीमतों में तेजी है। हालांकि, सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सरकार के पास दाल की कोई कमी नहीं है। कीमतें क्यों बढ़ रही है, इसकी जांच होगी। सरकार ने अफ्रीकी देश मोजाम्बिक से 1.75 लाख टन अरहर दाल के आयात की अनुमति दे दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2 लाख टन अरहर दाल आयात के लिए जल्द लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
कंज्यूमर अफेयर्स सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने बताया कि देश में अरहर की दाल पर्याप्त मात्रा में है। मौजूदा समय में करीब 14 लाख टन का बफर स्टॉक है। इसके बावजूद कीमतें क्यों बढ़ रही है। इसकी जांच जल्द की जाएगी।एक्सपर्ट्स का कहना है कि मांग बढ़ने से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अरहर दाल के दाम बढ़े हैं। साथ ही, दुनिया के बड़े अरहर दाल उत्पादक कई देशों में भी उत्पादन घटने के बाद कीमतों में तेजी आई है। भारत म्यांमार से अरहर की दाल खरीदता है। इससे पहले साल 2015 में पहली बार भाव 200 रुपए किलग्राम के पार पहुंच गया था। भारत के अलावा म्यांमार और कुछ अफ्रीकी देशों में ही अरहर दाल पैदा होती है।
एग्रीकल्चर मिनिस्ट्री के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल देश में अरहर की दाल का 40 लाख टन से ज्यादा उत्पादन हुआ था। वहीं, इस साल ये 35 लाख टन के करीब है। पिछले खरीफ सीजन में अरहर दाल की बुआई कम हुई थी। इसके अलावा सरकार ने दालों के आयात पर कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं। इस साल मानसून कमजोर रहने की संभावना से भाव चढ़े हैं। आल इंडिया दाल मिलर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट सुरेश अग्रवाल का कहना है कि दो महीने में इंपोर्टेंड दाल भारत में आ जाएंगी। अगर आयात में देरी हुई तो दालों के दाम और ऊपर जाएंगे।