पिछले साल ७ नवम्बर को मोदी सरकार के नोटबंदी का ऐलान करने के बाद एक साल में देश में सोने की डिमांड २५ फीसदी कम हुई है । बुलियन ट्रेडर्स और जुलर्स का कहना है कि गोल्ड ट्रेड बी२बी (बिजनस टु बिजनस) कारोबार मे ंकालेधन की एंट्री बंद हो गई है, लेकिन बी२बी सौदों में इसका दखल अभी भी बना हुआ है । ओल इंडिया जेम ऐंड जूलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने ईटी को नोटबंदी के बाद शुरुआती महीनों में कारोबार तकरीबन ७५ फीसदी गिर गया था । हालांकि, सिस्टम में करंसी की सप्लाई बढ़ने के साथ धीरे-धीरे डिमांड बढ़ी हैं । हालांकि, पिछले साल की तुलना में ओवरओल डिमांड अभी भी २५ फीसदी कम है । वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, २०१६ में इंडिया में गोल्ड डिमांड ६७५.५ टन थी, जो २०१५ से २१ फीसदी कम थी । जूलर्स की हड़ताल, बड़ी खरीदारी के लिए पैन कार्ड को अनिवार्य बनाया जाना और नोटबंदी इशकी बड़ी वजहें थीं । २०१५ में गोल्ड की डिमांड ८५७.२ टन थी । जनवरी और फरवरी में भी नोटबंदी का असर असर जारी रहा । हालांकि, अक्षय तृतीया पर डिमांड में कुछ तेजी आई । डब्ल्युजीसी के आंकड़़ो से पता चलता है कि अप्रैल-जून तिमाही में मांग ३७ फीसदी बढ़ी थी । हालांकि, खंडेलवाल ने बताया, १ जुलाई को जीएसटी में गोल्ड पर ३ फीसदी टैक्स लगाने से डिमांड फिर घट गई ।
इंडिया बुलियन ऐंड जुलरी असोसिएशन के नैशनल सेक्रटरी सुरेंद्र महेता ने कहा, नोटबंदी के बाद से स्मगलिंग में बड़ी गिरावट आई है क्योंकि मार्केट में कम पूंजी थी और निगरानी सख्त हुई । महेता ने कहा कि बी२बी कारोबार में अभी भी कालाधन, चल रहा है ।
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