अनिल कुंबले के टीम इंडिया के मुख्य कोच पद से इस्तीफा देने के बाद क्रिकेट अडवाइजरी कमिटी (सीएसी) का काम बहुत बढ़ गया है । कमिटी को जल्द ही कुंबले के उत्तराधिकारी का चयन करना है । इसके लिए कमिटी आवेदकों की लिस्ट से इतर भी विकल्पों पर नजर बनाए हुए हैं । इस पूरे घटनाक्रम के बाद रवि शास्त्री के लिए राह बनती नजर आ रही है । गौरतलब है कि शास्त्री भारतीय कप्तान विराट कोहली की पहली पसंद माने जाते हैं । इसका अर्थ यह है कि कोच पद के लिए आवेदन करने वाले- विरेंदर सहवाग, टीम मूडी, रिचर्ड पायबस, लालचंद राजपूत और डोडा गणेश के लिए राह आसान नहीं होगी । बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया, इस फैसले (आवेदकों से इतर विकल्प देखने) को टीम इंडिया के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री को फायदा होने की उम्मीद है । पर ऐसा बहुत कुछ है जो अभी हमें नजर नहीं आ रहा है । सीएसी नया कोच चुनने में वक्त लेगी । नए कोच के नाम की घोषणा वेस्ट इंडिज दौरे के बाद और श्रीलंका सीरीज के पहले लिया जाएगा । सूत्रों का यह भी कहना है कि बोर्ड मौजूदा आवेदकों की लिस्ट से बहुत ज्यादा खुश नहीं है इसलिए उसने यह फैसला लिया है । सूत्र ने कहा, उदाहरण के लिए सहवाग को कोई कोचिंग अनुभव नहीं है और जहां तक तकनीक सिखाने का मामला है वह इसके लिए सही व्यक्ति नहीं होंगे । देखते हैं आगे क्या होता है । बीसीसीआई के कोच पद के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख ३१ मई थी । गत दिन बीसीसीआई ने साफ कर दिया कि भारतीय टीम को अगले महीने होने वाले श्रीलंका दौरे से पहले नया कोच मिल जाएगा । बोर्ड ने यह भी माना कि वह कुंबले और कोहली के बीच मतभेदों को दूर नहीं कर पाया । बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने कहा, भारतीय टीम को श्रीलंका दौरे से पहले नया कोच मिल जाएगा । नए कोच का कार्यकाल जून २०१९ में होनेवाले क्रिकेट विश्वकप तक होगा । एक अन्य बीसीसीआई अधिकारी राजीव शुक्ला ने कहा कि कुंबले और कोहली के बीच मतभेदों को दूर करने के लिए सभी संभव प्रयास किए गए ।