देश के ऑटोमोबाइल उद्योग में पिछले एक साल से छाई सुस्ती के कारण ऑटो उपकरण उद्योग के कारोबार में 2019-20 की पहली छमाही में 10.1 फीसदी की गिरावट आई और यह पिछले साल की इसी अवधि के 199849 करोड़ रुपए से घटकर 179662 करोड़ रुपए रह गया। भारतीय ऑटोमोटिव कम्पोनेंट निर्माता संघ (एक्मा) के अध्यक्ष दीपक जैन और महानिदेशक विन्नी मेहता ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में उद्योग के प्रदर्शन की जानकारी देते हुए कहा कि मंदी की वजह से इस वर्ष जुलाई तक एक लाख लोगों के रोजगार गए। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब ऑटो उपकरण उद्योग के कारोबार में इतनी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
जैन ने उद्योग के कारोबार में गिरावट के कारण गिनाते हुए कहा वाहनों की मांग में कमी बीएस-4 से बीएस-6 वाहनों के निर्माण के लिए हालिया निवेश, तरलता की तंगी और इलेक्ट्रिक वाहनों की नीति को लेकर संशय के अलावा अन्य कारणों की वजह से वाहन उपकरण क्षेत्र की विस्तार योजनाओं पर असर पड़ा। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में दो फीसदी से अधिक का योगदान और पचास लाख लोगों को रोजगार देने वाले उद्योग की दीर्घकालिक आधार पर निरंतर गति बनाये रखने के लिए जैन ने ऑटो उपकरण पर एक समान 18 फीसदी का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) किए जाने की सरकार से मांग की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 60 फीसदी ऑटो उपकरण पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है जबकि शेष 40 फीसदी जिसमें मुख्यत: दुपहिया और ट्रैक्टर उपकरण है 28 फीसदी जीएसटी है।
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