आज सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन किया और सभी मामलो पर विस्तार से चर्चा के लिए तैयारी दिखाई। संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। इस सेशन में नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 सरकार के मुख्य एजेंडा में शामिल है। शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संसद का यह सत्र बेहद अहम है। उन्होंने मीडिया से कहा, सभी दलों का सहयोग अहम है। नई सरकार में सबका सहयोग मिला है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में मुझे लगगभ हर पार्टी के नेताओं से मिलने का मौका मिला। पिछले सत्र सभी सांसदों के सहयोग और सक्रिय हिस्सेदारी से बेहद सार्थक रहा। यह ना सिर्फ सरकार और ट्रेजरी बेंच की सफलता है, बल्कि पूरे संसद की है।
आशा करता हूं कि ये सत्र भी देश की विकास यात्रा को, देश को गति देने में और दुनिया जिस तेज़ी से आगे बढ़ रही है उसके साथ कदम मिलाने का सामर्थ्य हम हमारी संसद में भी प्रकट करें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यह 2019 का अंतिम संसद सत्र है। यह बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राज्यसभा का 250वां सत्र होगा। इस सत्र के दौरान, 26 नवंबर को हम संविधान दिवस मनाएंगे जब हमारा संविधान अपने 70 वर्ष पूरे करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह सभी मुद्दों पर अधिक से अधिक चर्चा चाहते हैं। उन्होंने कहा, उत्तम से उत्तम चर्चा हो। वाद हो, विवाद हो, खूब बहस हो। वर्तमान में संसद में 43 विधेयक लंबित हैं। इनमें से 27 विधेयक पेश करने, विचार करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं जबकि सात विधेयक वापस लिए जाने हैं। सरकार पहले दिन चिटफंड (संशोधन) विधेयक 2019 को पारित करवाने की कोशिश करेगी। इस विधेयक का मकसद चिटफंड सेक्टर के सुचारु विकास को सुगम बनाते हुए उद्योग जिन बाधाओं से जूझ रहा है उसे दूर करना है।
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