यूं तो आलिया भट्ट किसी फिल्म के बाकायदा उसकी स्क्रिप्ट और हिंदी डायलॉग पढ़कर ही हां बोलती है, लेकिन जब उन्हें राजी की सहमत की कहानी सुनाई, तो वह उससे इतनी प्रभावित हुई कि उन्होंने बिना स्क्रिप्ट के ही हां बोल दिया और कहा कि मुझे कैसे भी यह फिल्म करनी है । इसके बाद मेघना ने आलिया को जेहन में रखकर राजी की स्क्रिप्ट लिखी । अभी तक मेरी जिंदगी में देश के लिए कोई सहमत मोमेंट नहीं आया । किसी ने मुझे कभी ऐसा कुछ करने को कहा भी नहीं है कि मुझे अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकार देश की खातिर कोई टास्क पूरा करना है । मुझे लगता भी नहीं कि आज की पीढ़ी में वह बात है कि कोई अपने देश के लिए जान दांव पर लगा दे । इसलिए ही हमने यह फिल्म बनाई है, तांकि लोगों को यह पता लगे कि इस तरह की भी कुर्बानी होती है, जो कि सिर्फ और सिर्फ देश के लिए है । बात घरवालों की दी गई जिम्मेदारियों की करेें, तो जब आप एकेल रहने लगते हो, तो अपने आप जिम्मेदारी आपके ऊपर आ जाती है । जब आप काम करने लगते हो, तो आपकी खुदबखुद जिम्मेदारी होती है । खासकर जब आप एक पब्लिक फिगर हो, तो आप क्या बोलते हो, क्या कहते हो और किस तरह से पेश आते हो, यह भी अपने आप में एक जिम्मेदारी ही है ।
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