गुजरात में बीजेपी लगातार छठी बार सत्ता में आई है । २२ वर्षो से राज्य में शासन कर रही पार्टी के लिए यह जीत काफी मायने रखती है लेकिन इस बार टैली सबसे कम रही है । यह भी सच है कि कई बाधाओं के बावजूद बीजेपी जीत हासिल करने में कामयाब रही । सत्ता विरोधी लहर, पाटीदारों, ओबीसी, दलित, आा और आंगनवाड़ी वर्कर्स, फिक्स्ड पे वर्कर्स, नोटबंदी, जीएसटी, और कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा किए गए आक्रामक चुनाव प्रचार ने बीजेपी की जीत को मुश्किल बना दिया था । ऐसे समय में पीएम के अपने राज्य में पार्टी की जीत को संभव बनाने में कई चेहरों ने बड़ी भूमिका निभाई । मोदी ने २७ नवम्बर से चुनाव प्रचार शुरू किया और ३४ से ज्यादा रैलियों को संबोधित किया । गुजरातियों से उनका जुड़ाव और आकर्षण बेजोड़ रहा है और मोदी इसे अच्छी तरह जानते हैं । पीएम ने अपने सीप्लेन स्टंट से भी लोगों का काफी ध्यान खींचा । यह चुनाव मोदी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया था क्योंकि वह २०१९ में भी पार्टी को केंद्र की सत्ता पर बरकरार रखना चाहते है । जीत के लिए उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी थी । उनके जोरदार प्रचार का मकसद खुद को गुजरात के बेटे के तौर पर स्थापित करने के साथ ही राहुल गांधी को बाहरी साबित करने पर था । इस बार भी मोदी का जादू चला और पार्टी की जीत सुनिश्चित हुई । पार्टी सुत्रों के मुताबिक सूरत में एक कार्यक्रम के दौरान नाराज पाटीदारों के विरोध की घटना के बाद शाह को पार्टी की जीत मुश्किल लगने लगी । इसके बाद वह कई विकल्पों पर काम करने लगे और आदिवासी वोटं पर ध्यान केंद्रित किया । पार्टी के महासचिव और अमित शाह के विश्वासपात्र भुपेंद्र यादव ने प्रांत में बीजेपी के इंचार्ज के तौर पर तीन महीने तक कैंप किया । मोदी और शाह द्वारा बनाई गई योजनाओं और रणनीतियों को लागू करने की जिम्मेदारी यादव पर ही थी । परषोत्तम रूपाला अमरेली के पाटीदार नेता ने मोदी बराबर ही रैलीयों को संबोधित किया । वह अपनी पारंपरिक शैली में भाषण देते हैं, जो काफी मशहूर है । इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ है । डॉ.संबित पात्रा युवा सर्जन टीवी डिबेट्स में बीजेपी के एक जानेमाने चेहरे है । वह चुनावों के दौरान काफी सक्रिय रहे । केंद्रीय मंत्री इरानी भी हमेशा सुर्खियों में बनी रही । वह गुजरात की महिलाओं में काफी लोकप्रिय है । युपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी गुजरात के चुनावों में काफी सक्रिय रहे । उन्होंने २० रैलियों को संबोधित किया और तीन मंदिरो में भी दर्शन करने पहुंचे । वह अपनी आक्रामक भाषण शैली के लिए जाने जाते है ।
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