उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र के जिलों में गत सप्ताह में भारी बारिश के कारण बाढ़ -अकाल की परिस्थिति पैदा हो गई है । जिसमें मुख्य रूप से बनासकांठा, पाटण, सुरेन्द्रनगर, मोरबी जिला सबसे ज्यादा असरग्रस्त है । इस परिस्थिति में कोई भी प्रकार की महामारी नहीं फैले इसके लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार है और इसके लिए पहले दिन से ही स्वास्थ्य विभाग ने काम शुरू कर दिया है । इस बारे में सविस्तार जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग की सचिव और कमिशनर जयंती द्वारा बताये अनुसार बनासकांठा जिला में समग्र परिस्थिति का संचालन और मोनीटरिंग करने के लिए राज्य स्तर से ऑफिसर और स्पेशियल डयुटी के तौर पर उपनियामक और सहायक नियामक स्तर के दो अधिकारियों की नियुक्ति की गई है । अन्य जिले में से २० मेडिकल अधिकारियों को और १० आयुष अधिकारी की टीमों को वाहन तथा दवाई के साथ भेजा गया है । इसके अलावा जलजनित बीमारी को रोकने के लिए कामकाज के लिए पालनपुर और डीसा नगरपालिका में दो सीनियर डीएमओ को एमपीएचडब्ल्यु के साथ प्रतिनियुक्ति से की गई है । तहसील स्तर पर महामारी का मोनीटरिंग हो सके इसके लिए सबसे ज्यादा असरग्रस्त ऐसे पांच तहसील में अन्य जिले से सीनियर अधिकारियों को कामकाज सौंपा गया है । हररोज की अतिरिक्त ओपीडी के कामकाज से निपटने के लिए मेडिकल कॉलेज के ४० रेसीडेन्ट-इन्टर्न डॉक्टर को भेजा गया है । जिले के स्वास्थ्य कर्मचारी तथा आशा बहनों द्वारा हररोज निगरानी का कामकाज किया जाता है । अभी तक कुल २०,३६,५९० आबादी का निगरानी किया गया है और २२,६९४ मरीजों का उपचार किया गया है । जिले में सभी स्तर पर क्लोरिन, ब्लीचिंग पावडर तथा अन्य एन्टीएपीडेमीक दवाई का पर्याप्त जत्था उपलब्ध है । असरग्रस्त क्षेत्र में क्लोरिन टेब्लेट तथा ओआरएस पैकेट का वितरण किया गया है । जिले में पीने का शुद्ध पानी मिले इसके लिए १००० से ज्यादा पीने के पानी की पाइपलाइन के लीकेज रिपेरिंग किया गया है ।