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चिली में प्रदर्शन, 20 की मौत

राष्ट्रपति सेबस्टियन पिनेरा ने चिली में बीते 4 हफ्ते से जारी हिंसक संघर्ष से निपटने के पुलिस के तौर तरीकों की पहली बार निंदा की है। चिली के लोग सामाजिक और आर्थिक असमानता का विरोध कर रहे हैं। वह देश के उस राजनीतिक संभ्रांत वर्ग का भी विरोध कर रहे हैं जो देश के चुनिंदा अमीर परिवारों से आते हैं और यहां की सियासत में जड़े जमाए हुए हैं। इस विरोध-प्रदर्शन के दौरान महीने भर में 22 लोगों की मौत हो गई है और 2,000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। राष्ट्रपति ने राष्ट्र को संबोधित किया। बल का अत्याधिक प्रयोग हुआ। उत्पीड़न और अपराध को अंजाम दिया गया। सभी के अधिकारों का सम्मान नहीं हुआ। प्रदर्शन शुरू होने के बाद से ही पुलिस पर बर्बरता और मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लग रहे हैं। इस आरोपों के चलते संयुक्त राष्ट्र ने जांच के लिए यहां दल भेजा। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी एक मिशन यहां भेजा।
राष्ट्रपति ने पहले प्रदर्शनकारियों और उसके बाद सुरक्षा बलों को संबोधित किया, किसी को माफी नहीं दी जाएगी, ना तो उन्हें जिन्होंने असाधारण हिंसा की और ना उन्हें जिन्होंने उत्पीड़न किया। हम वही करेंगे जो पीड़ितों के हित में होगा। लातिन अमेरिका के सबसे समृद्ध देशों में से एक चिली में सरकार विरोधी प्रदर्शन की शुरुआत 4 सप्ताह पहले मेट्रो किराए में वृद्धि को लेकर हुई थी। देश में रहन-सहन के खर्च में लगातार वृद्धि और महंगाई के कारण प्रदर्शन जल्द ही पूरे देश में फैल गया। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों की मांग देश में गैर-बराबरी के स्तर को कम करना भी है। चिली के कुछ अमीर लोगों और औसत जीवन स्तर में बड़ा अंतर है।

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