भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने चुनावी बॉन्ड को लेकर सरकार या रिजर्व बैंक की ओर से उसे भेजे गए किसी भी तरह के पत्र, दिशा-निर्देश, अधिसूचना या ईमेल को ‘निजी जानकारी’ बताते हुए सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया। एसबीआई ने कहा कि यह जानकारी उसके पास फिडूशियरी (दायित्व या जिम्मेदारी) के तहत रखी गई है। पुणे के रहने वाले विहार धुर्वे ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत एसबीआई से 2017-19 से के बीच सरकार या आरबीआई द्वारा उसे भेजे गए सभी पत्रों, निर्देशों, अधिसूचनाओं या ईमेल की प्रति मांगी थी। एसबीआई ने इस पर जवाब दिया कि ये विवरण नहीं उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
बैंक ने आरटीआई अधिनियम की धारा आठ (1)(ई) एवं आठ (1)(जे) का हवाला देते हुए यह जानकारी उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया। इस अधिनियम की धारा आठ (1)(ई) न्यासीय या फिडूशियरी क्षमता के रूप में रखी गई जानकारी से संबंधित है, जबकि आठ (1)(जे) का संबंध ऐसी निजी जानकारी से है, जिसका किसी भी सार्वजनिक गतिविधि से कोई लेनादेना नहीं है। बैंक ने आरबीआई और सरकार की ओर से भेजे गए ऐसे किसी भी पत्र पर की गयी कार्रवाई का ब्योरा देने से भी इनकार कर दिया। केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2018 में अधिसूचित चुनावी बॉन्ड की योजना को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है।