मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने राज्य के औद्योगिक -आर्थिक विकास को तेजी देते हुए एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर खनीज सेक्टर को भी उद्योग का दर्जा देने का निर्णय किया गया है ।
उद्योग और खनीज विभाग द्वारा ९.०१.२०१९ के प्रस्ताव से प्रोसेसींग ऑफ माइनींग एक्टीवीटीज को उद्योग का दर्जा पहले दिया गया है । लेकिन माइनींग उद्योग के साथ जुड़े औद्योगिक जगत के अग्रणी उत्पादकों द्वारा पूरे माइनींग सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने की गई पेशकश का मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए यह निर्णय किया गया है । राज्य में माइनींग सेक्टर (खनीज) प्रवृति को और इसके साथ जुड़े हुए उद्योगों को अब यह निर्णय की वजह से जमीन-राजस्व धारा के तहत लेने की होती ६६ एए और ६५ बी जैसी मंजूरी आसानी से मिल सकती है । माइनींग प्रवृत्ति की मूलभूत रूप से जमीन की गैर खेती उपयोग संलग्न होने से भूमि राजस्व कानून के तहत भी उद्योगों को वास्तव में औद्योगिक हेतु नहीं होने से गैर-खेती मंजूरी लेने में हो रही समस्या का समाधान होने पर यह निर्णय से माइनींग क्षेत्र का औद्योगिक विकास काफी तेजी से होगा । पूरी प्रक्रिया आसानी से होने पर खनीज क्षेत्र के ब्लोकस तेजी से सक्रिय होंगे और राज्य सरकार को रॉयल्टी के रूप में आय भी मिलेगी । जमीन की उपलब्धि होने से इस क्षेत्र में व्यापक निवेश और उत्पादकीय प्रवृत्ति को तेजी मिलने से रोजगार अवसर भी ज्यादा मिलेंगे ।
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