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परप्रांतीयों पर हमले के केस में राज्य सरकार का एफिडेविट

राज्य में परप्रांतीयों पर हुए हमले मामले में गुजरात हाईकोर्ट में दाखिल हुई पीआईएल में राज्य सरकार की तरफ से प्रांतवाद फैला रहे और परप्रांतीयों को धमकी, हिंसा या अत्याचार का शिकार बनाया गया हो ऐसे मामले में की गई कार्रवाई और उठाये गये कदमों की जानकारी कोर्ट के समक्ष पेश किया गया । राज्य सरकार ने महत्व का एफिडेविट पेश करके कोर्ट को विश्वास दिलाया गया कि, गुजरात में परप्रांतीयों पर हमले या धमकी की घटनाएं नहीं हो इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है । राज्य में शांति और भाईचारा का माहौल स्थापित हो इसके लिए सरकार लगातार प्रयत्नशील है ।
राज्य सरकार की तरफ से आंकड़ाकीय जानकारी सहित की जानकारियां पेश करते हुए बताया है कि, साबरकांठा के ढुंढर गांव में परप्रांतीय युवक द्वारा सिर्फ १४ महीने की बच्ची पर बलात्कार की घटना बाद राज्य में भंग हुई परिस्थिति और परप्रांतीयों पर हुए हमले की घटना बाद राज्य सरकार की तरफ से पुलिस प्रशासन को सूचनाएं और निर्देश जारी किए गए थे, जिसके तहत परप्रांतीयों के हमले के केस में पुलिस द्वारा अलग-अलग ६३ से ज्यादा अपराध दर्ज किए गए हैं । राज्य के १० जिलों में भीड़ द्वारा इस प्रकार से हमले किए जाने का ध्यान पर आया है लेकिन सभी मामलों में पुलिस ने निष्पक्षता से और कानूनी कार्रवाई की गई है । पुलिस ने अभी तक में ७१५ से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है । इतना ही नहीं, सोशल मीडिया में भड़काऊ भाषण, वीडियो रखने वालों के विरूद्ध आईटी एक्ट के तहत १० केस दर्ज किए गए हैं, जिसमें ८९ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है । राज्य की शांति भंग करनेवाले असामाजिक तत्वों के विरूद्ध पुलिस द्वारा कड़ी कार्रवाई हो रही है । गुजरात राज्य के लिए देश का कोई भी नागरिक परप्रांतीय नहीं है । देश में औद्योगिक क्रांति में नंबर वन माना जाता गुजरात राज्य में लाखों माइग्रन्टस बाहर के राज्यों से आकर यहां रहते लोग है । मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, यूपी और बिहार सहित के राज्यों से लोग धंधा रोजगार के लिए गुजरात में आये हैं ।

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