युद्ध की तैयारियों को परखने के लिए पाकिस्तान और चीन की सीमा से सटे राजस्थान के पोखरण में भारतीय वायुसेना का अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास बहुत अच्छे से चल रहा है । विमानों की कर्कस आवाज और बमों के भीषण धमाके दिन और रात में दूर से ही सुने जा सकते हैं । इस युद्धाभ्यास में नेवी समेत तीनों सेनाएं शामिल हैं । १० अप्रैल से शुरू हुआ युद्धाभ्यास २३ अप्रैल तक चलेगा । स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस ने अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए पहली बार युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया । हाल ही में एयरफोर्स में शामिल किए गए तेजस ने अपनी मिसाइलों से उन लक्ष्यों को भी निशाना बनाया जो आंखों से दिखाई नहीं दे रहे थे । तेजस से नजदीकी लड़ाई के लिए भी अभ्यास किया जा रहा है । तेजस में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं और इसके उन्नत संस्करण के लिए एयरफोर्स इंतजार कर रही है ।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एयरफोर्स के हवाई सपॉर्ट, नेटवर्क सेंट्रिंक वारफेयर, हमले और जवाबी हमले आदि का अभ्यास के अंदर परीक्षण किया जा रहा है । तेजस के अलावा इस युद्धाभ्यास में सुखाई-३० एमकेआई, मिग-२१, मिग-२७, हॉक और मिराज २००० समेत कुल ११०० फाइटर प्लेन हिस्सा ले रहे हैं । विशालकाय परिवहन विमान सी-१७ ग्लोब मास्टर, सी-१३० सुपर हरक्यूलिस और अटैक हेलिकॉप्टर एमआई-३५, एमआई-१७, ध्रुव भी इस युद्धाभ्यास का हिस्सा हैं । प्रोटोकॉल के तहत पाकिस्तान को इस बारे में सूचित कर दिया गया है । यह युद्धाभ्यास कितना बड़ा है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एयरफोर्स के ३०० से ज्यादा अधिकारियों और १५०० से ज्यादा एयरमेन को रवाना किया गया है । युद्ध के समय तीनों सेनाएं मिलकर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दे सकें, इसके लिए इस बड़े अभ्यास में सेना और नौसेना भी शामिल हैं । एयर कॉम्बैट ऑपरेशंस के दौरान गुजरात के भुज से एयरक्राफ्ट असम की ओर उड़ेंगे और बमबारी करेंगे ।
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