मकरसंक्रांति (उत्तरायण) एक दिन में ही रातभर पुण्य कमाने के चक्कर में गाय को घास सहित कई चीजवस्तु लोग ज्यादा खिला देने से शहर में १५० से ज्यादा गाय बीमार हुई होने की जानकारी मिली है । ज्यादा घासचारा गायों ने खा लिया था जिसकी वजह से फूडपोइजनिंग, एसीडीडी (पेट फूल जाना, गैस होना) डिहाइड्रेशन खाने का बंद कर देना, बेहोश हो जाना, हाईपर एसीडीटी सहित की विभिन्न बीमारी का शिकार गाय हो गई थी । शहर की वेटरनिटी अस्पताल में बीमार गायों को उपचार के लिए लायी गई थी जिसमें ८ से १० गाय की हालत इतने हद तक बिगड़ गई थी उनके ऑपरेशन करने तक की स्थिति आ गई थी कई लोग गाय को खिलाने की सामग्री प्लास्टिक की थैली और कागज में रखकर खिलाते हैं ।
जो खाने की वस्तुओं के साथ गाय के पेट में चला जाता है । ऐसी गायों के पेट में से एक साथ २० से ३० किलो प्लास्टिक ऑपरेशन के दौरान निकलते होने का वेटरनिटी अस्पताल के सूत्रों ने बताया था । वेटरनिटी अस्पताल के डॉक्टर ने बताया है कि गायों को कोई भी खाना देने के बजाय गुच्छे घास, ग्रासलड्डू और पशुआहार देना चाहिए । इतना ही नहीं एक ही गाय को पूरा दिन लगातार नहीं खिलाना चाहिए । हरा घास बेचनेवालों ने भी लोगों की धार्मिक भावना का भरपूर लाभ उठाया था । १० रुपये प्रति एक चारा जाता है इसका गत दिन २० रुपया डबल कीमत था । लोगों ने डबल कीमत पर भी घास खरीदकर गायों को खिलाया था ।