मुंबई-अहमदाबाद के रुट पर २०२३ तक देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी की जा रही है । पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात को मुंबई से जोड़ने वाले इस रूट का हाल ही में जापान के पीएम शिंजो आबे की मौजुदगी में शिलान्यास हुआ था । लेकिन, एक आरटीआई के जवाब में रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक यह रूट जुलाई से घाटे में चल रहा है । जानकारी के मुताबिक इस रूट पर सभी ट्रेनो में करीब ४० फीसदी सीटें खाली रह जाती है, जिससें पश्विम रेलवे को बड़ा नुकसान हो रहा है । मुंबई के आरटीआई ऐक्टिविस्ट अनिल गलगली की याचिका के जवाब में भारतीय रेलवे ने बताया कि बीती एक तिमाही में उसे इस रूट पर ३० करोड़ रुपये यानी १० करोड़ रूपये प्रति माह का नुकसान हुआ है । मौजुदा रेल नेटवर्क के घाटे में चलने को लेकर बुलेट प्रोजेक्ट पर सवाल उठाते हुए गलगली ने कहा, भारत बुलेट प्रोजेक्ट को लेकर बहुत उत्साहित है और १ लाख करोड़ रुपये की पूंजी खर्च करने की तैयारी में है लेकिन इस योजना पर विचार करने से पहले जरूरी होमवर्क नहीं किया गया है । भारतीय रेलवे ने आरटीआई के जवाब में यह भी स्विकार किया है कि इस रूट पर उसकी कोई नई ट्रेन चलाने की योजना नहीं है । गलगली के आरटीआई आवेदन पर दबाव देते हुए पश्चिम रेलवे ने कहा कि मुंबई और अहमदाबाद सेक्टर पर ४० पर्सेंट और सिर्फ मुंबई-अहमदाबाद रूट पर ४४ फीसदी सीटें खाली ही रह जाती है ।
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