सरकार ने समुद्री सुरक्षा को चाक-चौबंद करने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की हैं । सरकार ने कोस्ट गार्ड के लिए ३१७४८ करोड़ रुपये की लागत वाले निर्णायक पांच वर्षीय ऐक्शन प्रोग्राम को मंजूरी दे दी हैं । बता दें कि कोस्ट गार्ड आर्मी, वायुसेना और नेवी के बाद डिफेंस मिनिस्ट्री के अतर्गत आने वाला सबसे छोटा सशस्त्र बल हैं । २६-११ के हमले के बाद इसके भूमिका बेहद अहम हो चली हैं । सूत्रों के मुताबिक इस एक्शन प्लान के तहत कोस्ट गार्ड को पेट्रोल वाहन, बोट्स, हेलिकोप्टर्स, एयरक्राफ्ट्स और अन्य अहम साजोसामान से लैस करने की तैयारी हैं । डिफेंस सेक्रटरी संजय मित्रा की अगुवाई वाली एक बैठक में इस महीने की शुरुआत में इस मसौदे को मंजूरी दी गई । मकसद २०२२ तक कोस्ट गार्ड को १७५ शिप और ११० एयरक्राफ्ट से लैस फोर्स करना हैं । ताकि न केवल ओपरेशनल कमियों को पूरा किया जा सके, बल्कि तटीय सुरक्षा को चाक चौबंद किया जा सके । इसके अलावा द्वीपों, समुद्र के अंदर मौजूद प्राकृतिक और सैन्य संसाधनों की हिफाजत करना, स्मगलरों और समुद्री डकैतों से लड़ना और समुद्र में तेल फैलने और प्रदूषण को रोकना हैं । भारत का तटीय विस्तार ७५१६ किमी में हैं । कोस्ट गार्ड की क्षमता फिलहाल बेहत सीमित हैं । इसके बेड़े में ६० शिप, १८ हॉवरक्राफ्ट और ५२ छोटे इंटरसेप्टर बोट्स शामिल हैं । जहां तक हवाई बेड़े का सवाल हैं,स कोस्ट गार्ड के पास ३९ टोही विमान, १९ चेतक हेलिकोप्टर और चार अडवांस्ड ध्रुव हेलिकोप्टर्स हैं । बता दें कि मुंबई हमले के बाद देश की समुद्री सुरक्षा में बड़ी खामिया उभरकर सामने आई थी । एक सूत्र ने बताया कि कोस्ट गार्ड के लिए ६५ शिप और इंटरसेप्टर बोट्स निर्माणाधीन हैं । इसके अलावा ५ हजार करोड़ रुपये की लागत से हेलिकोप्ट की खरीद प्रक्रिया में हैं । बता दें कि हिंदूस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड को १६ देसी ध्रुव हेलिकोप्टरों का ओर्डर दिया जा चुका हैं । एयरबस कंपनी से १४ टि्वन इंजन ईसी-७२५ टैक्निकल हेलिकोप्टरों की खरीद का प्रस्ताव मंजूरी के आखिरी चरण में हैं । इन हेलिकोप्टरों से ३० लोग तक ढोए जा सकते हैं ।