घाटी में सुरक्षाबलो में टोप आतंकियो के मारे जाने के बाद अब टेररिस्ट संगठनो के अंदर वर्चस्व की जंग छिड सकती है । पहले बुरहान वानी और हाल ही में सबजार अहमद बट के खात्मे के बाद हिजबुल मुजाहिद्दीन में लोकल चीफ का पद खाली हो गया है । पहले खबरें आई कि संगठन से जुडे जिंदा बचे सबसे पुराने २९ साल के रियाज नायको को हिजबुल कमांडर बनाया जा सकता है, लेकिन अब पता चला है कि २०१५ में लश्कर ए तैयबा छोडकर हिजबुल में आने वाले सद्दाम पड्डेर ने चीफ बनने के लिए अपना दावा ठोक दिया है । जानकार इस घटनाक्रम को हिजबुल मुजाहिद्दीन पर वर्चस्व कायम करने के लिए आतंकियो में मची होड के तौर पर देख रहे है । जाकिर मुसा के संगठन छोडने के बाद प्रमुख का पद खाली है । जाकिर ने कश्मीर में कथित आजादी की लडाई की जगह आतंकी संगठन आईएस के तरीके के जिहाद करने का ऐलान किया था, जिसके बाद संगठन ने उससे किनारा कर लिया था । जाकिर के संगठन से अलग होने और बीते हफ्ते सबजार के मारे जाने के बाद कश्मीरी पंडितो का हिमायती माने जाने वाले रियाज को अलगे चीफ के तौर पर देखा जा रहा था । हालांकि, सुत्रो के मुताबिक, वह खुद इस दौड से अलग हो गया है । उसने कहा है कि सद्दाम नया कमांडर बनने के मौके को अच्छे से भुनाएगा । सुत्रो के मुताबिक, २५ साल का सद्दाम पहले भी हिजबुल कमांडर बनने की दौड में था, लेकिन मुसा ने बाजी मार ली थी । सद्दाम शोपिया के हेफ गांव से ताल्लुक रखता है । उसने १२वी के बाद पढाई छोडकर पिता के बगीचे में हाथ बंटाना शुरु कर दिया था । उसने पांच साल पहले हथियार उठा लिया था । २०१४ तक वह लश्कर के मोड्युल का हिस्सा था । उस वक्त अब्बास शेख, राहुल आमीन डार, वसीम शेख और फारुक बिजरान जैसे साथी थे । इंटेलिजेंस के मुताबिक इस वक्त दक्षिणी कश्मीर में २०० आतंकी सक्रिय है । पुलिस के मुताबिक, पुलवामा जिले में हिजबुल से २१ आतंकी जुडे हुए है । बाकी के आठ लश्कर के कमांडर अबु दुजाना के साथ है । रियाज भी दुजाना ग्रुुप का सदस्य था । बाद में उसने बुरहान वानी के अंडर में हिजबुल जोइन कर लिया । संगठन के अन्य सदस्यो में जाकिर बट, परवेज डार, मोहम्मद सालेह अखुन, आकिब बट और सबजार बट है । यह मोड्युल त्राल, अवंतिपोरा और पठानचौक के बीच ओपरेट करता था ।
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