असम के सिलिगुडी के पास पशु तस्करी रोकने के प्रयास में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए बीएसएफ जवान संजय साधु को डेढ़ वर्ष के पुत्र ओम साधु ने मुखाग्नि दी । शहीद बीएसएफ जवानों के गार्ड ऑफ ऑनर के साथ पंचमहाभूत में विलीन हो गये । जबकि शहीद की पत्नी ने पति को रोते-रोते हुए विदाई दी । अंतिम संस्कार के समय शहीद जवान का पुत्र ओम भी रो रहा था । इस समय में अंतिम संस्कार में पहुंचे हजारों लोग शोक में डूब गये । शहीद की पत्नी अंजना साधु ने रोते हुए कहा कि, अपने पति की शहादत पर गर्व है, लेकिन बच्चों के भविष्य की चिंता है । देश के लिए मेरे पति शहीद हुए इसका मुझे काफी गर्व अनुभव करती हूं । लेकिन मेरे बच्चों का अब क्या होगा इसकी चिंता मुझे हो रही है । सरकार मेरे बच्चों के लिए कुछ करे ऐसी मांग की है ।
शहीद संजय साधु का पार्थिव शरीर देर रात को वडोदरा एयरपोर्ट पर लाया गया । एयरपोर्ट पर शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में शहरीजन उपस्थित हुए । गोरवा स्थित घर पर फिलहाल पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया । जहां शहीद जवान की पत्नी अंजना साधु ने सोलह श्रृंगार करके पति को अंतिम विदाई दी । सुबह में १०.३० बजे स्मशान यात्रा गोरवा स्थित भगवतीकृपा सोसाइटी के निवास स्थल से निकली थी और पंचवटी, सहयोग, आईटीआई गोरवा होकर श्मशान गृह में दोपहर में १२ बजे अंतिम यात्रा पहुंची थी । शहादत के अनुरूप अंतिम संस्कार के लिए जिला, पुलिस प्रशासन और बीएसएफ द्वारा तैयारियां की गई थी । शहीद संजय साधु तुम अमर रहो के नारे से वातावरण गूंज उठा ।
बीएसएफ द्वारा शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया । एयरपोर्ट पर शहीद के पार्थिव शरीर को राज्य सरकार की तरफ से राज्यमंत्री योगेश पटेल ने श्रद्धांजलि दी । अब सांसद, मेयर, पालिका के विपक्षी पार्टी के नेता, शहर कांग्रेस प्रमुख सहित विभिन्न राजनीतिक सीनियर, कलेक्टर और पुलिस कमिशनर ने श्रद्धांजलि दी । काफी सम्मान के साथ शहीद के पार्थिव शरीर को फूलों से सजाकर सेना के वाहन में सयाजी अस्पताल पर लेे जाया गया ।
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