म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन संचालित वीएस अस्पताल का आगामी वित्तीय वर्ष २०१८-१९ का १५७.९५ करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पर आज म्युनिसिपल गृह में चर्चा की जायेगी । दो दिन के बजट सत्र में गृह में भाजपा का बहुमत होने की वजह से स्वाभाविक रूप से वीएस अस्पताल के आगामी बजट को मंजूरी मिल जायेगी । लेकिन इस अस्पताल के कई प्राथमिक समस्या तो खड़ी की खड़ी ही रहेगी । जैसे कि अस्पताल के सर्जिकल, मेडिकल, ऑर्थोपेडिक जैसे विभागों में दिन-रात डयुटी करते ३०० रेसिडेन्ट डॉक्टरों की जर्जरित होस्टल की तरफ उपेक्षा की जाती यह एक उत्तम उदाहरण है । ऐसे तो मेयर के पद की सत्ता से वीएस अस्पताल मैनेजमेन्ट बोर्ड के चेयरमैन गौतम शाह ने पेश किए आगामी वित्तीय वर्ष २०१८-१९ के वार्षिक संशोधित बजट पर आज चर्चा की जायेगी । लेकिन मेयर के संशोधित बजट में मेडिकल स्टाफ और मरीज के संबंधी के बीच लगातार बढ़ रहे टकराव को रोकने के लिए चीफ सिक्योरिटी जैसी नई जगह खोलने के प्रस्ताव जैसे दो चार प्रस्ताव के अलावा मरीजों के हिस्से में विशेष उल्लेखनीय फंड आवंटित नहीं कराया गया है । रेसिडेन्ट डॉक्टर्स को कई बदमाश मरीज या उनके संबंधी से सुरक्षा उपलब्ध कराने का उद्देश्य रखते सत्ताधीशों ने अस्पताल परिसर में स्थित रेसिडेन्ट डॉक्टर्स की होस्टल की लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है यह होस्टल ५० से ज्यादा वर्ष पुरानी है और खराब हालत में आ गई है । फिर भी होस्टल की रिपेरिंग कराने के लिए सत्ताधीश अभी तक गंभीर नहीं हुए है । ऐसे तो वीएस अस्पताल के और चिनाई प्रसूतिगृह का सात वर्ष पुरानी बिल्डिंग के नवीनीकरण के लिए शासकों के संशोधित बजट में चार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है । हालांकि यह दोनों बिल्डिंग महात्मा गांधीजी और सरदार पटेल की प्रेरणा बने होने की वजह से शासक पक्ष ने इसकी तरफ कुछ हद तक उदासीनता बरती गई है ।