गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने २३ सितंबर, २०१७ को गांधीनगर के निकट मोटा-इसनपुर गांव में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रव्यापी योजना एक लाख प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत का शुभारंभ किया । इस अवसर पर गुजरात की कोकिलाबेन परमार एलपीजी सिलेेंडर की टोकन प्राप्तकर्ता बनी और इसके साथ ही वह प्रधानमंत्री उज्जवला योजनी की ३ करोड़र्वी लाभार्थी भी बन गई । १ मई २०१६ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का शुभारंभ किया था जिसका उद्देश्य पांच साल के भीतर, देश भर में बीपीएल परिवारों के लिए ५ करोड़ एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराना है । इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे की सभी महिलाओं को स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन प्रदान करना है । इस योजना से अब तक ३ करोड़ से अधिक बीपीएल परिवारों को लाभ हुआ है । भारत में २१ करोड़ एलपीजी कनेक्शन हैं, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में ५१ फीसदी और शहरी क्षेत्रों में लगभग १०० फीसदी कवरेज है । प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में १२ लाख प्राप्तकर्ताओं के साथ गुजरात अग्रणी रहा है । केंद्र सरकार की इस योजना का उद्देश्य, प्रत्येक गरीब परिवार को धुआं मुक्त रसोई गैस कनेक्शन प्रदान कर महिलाओं को सशक्त करना है । उज्ज्वला योजना को और अधिक मजबुत करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने १५ अगस्त २०१७ को उज्ज्वला प्लस योजना योजना शूरु करने की घोषणा की थी । इस नई योजना के तहत गुजरात सरकार ने उन परिवारो को निःशुल्क एलपीजी गैस कनेक्शन वितरित करने का लक्ष्य रखा है जो आर्थिक और सामाजिक जनगणना २०११ में नाम न होने के कारण उज्ज्वला योजना में शामिल नहीं हो पाए थे । उज्ज्वला प्लस योजना के अंतर्गत, सरकार ने एलपीजी उपभोक्ताओं से स्वेच्छा से अपनी रसोई गैस सब्सिडी त्याग कर वास्तविक जरूरतमंद परिवारों को मुक्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने की अपील भी की है । उज्ज्वला योजना की जबरदस्त सफलता के बाद सरकार एक लाख एलपीजी पंचायत योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में खाना पकाने के लिए एलपीजी गैस के उपयोग को और अधिक लोकप्रिय बनाना चाहती है । इस योजना का विचार, व्यक्तिगत कहानियों के माध्यम से पंचायतों में स्वच्छ ईंधन के लाभों पर चर्चा को सक्रिय करना है ।