सिविल अस्पताल में सेप्टीसिनिया इन्फेकशन के कारण तीन दिन में २० अधिक शिशु की मौत हो गई । जिसके चलते गुजरात हाईकोर्ट के सीटींग जज के जरीए कांग्रेस द्वारा जांच की मांग की गई है । गुजरात कांग्रेस के सीनियर नेता शक्तिसिंह गोहिल ने इस पुरे मामले में राज्य सरकार की लापरवाही के आरोप लगाए थे । सरकार द्वारा नियुक्त उचस्तरीय जार्च समिति ने प्राथमिक जांच के जरीए सिविल अस्पताल को क्लिनचीट दी जिसके कारण कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा पार्टी के सिनीयर नेता शक्तिसिंह गोहिल ने तत्काल प्रेस कॉन्फरन्स का आयोजन कर के भाजपा सरकार पर कड़े प्रहार किए थे । गोहिल ने कहा की शिशुओ की अकाल मृत्यु की घटना में भाजपा सरकार अपनी गलती स्विकार करके गुजरात की जनता से माफी मागे । इस घटना में सरकार की लापरवाही जिम्मेदार है । यह मामला गंभीर है तथा इस में न्यायीक जांच की जरुरत है । उन्होंने कहा की सिविल अस्पताल में शिशुओं के लिए सिविल अस्पताल में पर्याप्त उपचार उपलब्ध नहीं है । लाखों रुपयों का खर्च करके एम्ब्युलन्स की सेवा उपलब्ध है । किन्तु लाइफ सपोर्ट सिस्टम नहीं है । बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए २४ घंटे सीसीटीवी निरीक्षण अनिवार्य है । किन्तुं सीसीटीवी उपलब्ध नहीं है । गर्भवर्ती महिलाओं की जांच करके तीसरे महिने से ही देखभाल की जानी चाहिए । गर्भवर्ती महिलाओं को पर्याप्त पोषण पर ध्यान देना चाहिए । किन्तु यह सुविधा उपलब्ध नहीं है । सरकार द्वारा उपलब्ध ग्रांट के बावजुद बच्चों को प्रवाही खुराक नहीं मिलता । छोटे बच्चों को फलो का ज्युस, सूप तथा अन्य सुविधा उपलब्ध नहीं की जाती । उल्लेखनीय है की सिविल अस्पतला में शिशुओं की मौत के मामले में उपनियामक डॉ. राधव के दिक्षीत के अध्यक्षता में नियुक्त जांच समिति ने ओन ड्युटी डॉक्टरर्स तथा नर्स के निवेदन लिए थे और पुरी घटना में सिविल अस्पताल के साधनो सामग्री तथा उपचार की व्यवस्था में जांच भी की गई थी । जांच के अंत में पुरे मामले में सिविल अस्पताल में अधिकारियों की कोई लापरवाही नहीं नजर आई । सिविल अस्पताल को क्लिनचिट दी गई थी । जिसमें कांग्रेस ने विरोध किया था ।
આગળની પોસ્ટ