गुजरात राज्य में पुलिस महानिर्देशक के महत्व के पद पर स्थायी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा नहीं किए जाने के मुद्दे पर पूर्व आईपीएस राहुल शर्मा द्वारा गुजरात हाईकोर्ट में करायी गई रिट अर्जी में मंगलवार को गुजरात सरकार द्वारा अपना रवैया स्पष्ट किया गया था । राज्य सरकार द्वारा साफ कर दिया गया है कि, राज्य में स्थायी डीजीपी की नियुक्ति के बारे में सरकार द्वारा गंभीरता से विचार किया जा रहा है और कुछ समय में ही यह नियुक्ति कर दी जायेगी । सरकार की यह पेशकश ध्यान में लेने के बाद हाईकोर्ट ने सरकार पक्ष को इस बारे में जरूरी एफिडेविट पेश करने के लिए निर्देश करके केस की सुनवाई १ नवम्बर को मुकर्र की गई थी । पूर्व आईपीएस राहुल शर्मा द्वारा करायी गई रिट अर्जी में यह पेशकश की गई थी कि, गुजरात राज्य में पिछले कई समय से डीजीपी जैसे महत्व के पद पर स्थायी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा नहीं की जाती है और इंचार्ज डीजीपी से काम लिया जा रहा है, जिसकी सीधी असर राज्य पुलिस प्रशासन के कामकाज और नागरिकों की सुरक्षा सहित के मामलों पर पड रही है । अप्रैल-२०१६ से राज्य का पुलिस प्रशासन इंचार्ज डीजीपी के तहत चलता है । राज्य सरकार के पास डीजीपी के पद पर नियुक्ति के बारे में छह विकल्प उपलब्ध होने पर भी कोई नियुक्ति नहीं की जाती होने से पुलिस प्रशासन के काम पर असर हो रहे होने का मुद्दा भी पीटिशन में उठाया गया था । अर्जीकर्तापक्ष द्वारा तुरंत असर से डीजीपी के पद पर स्थायी नियुक्ति करने के लिए राज्य सरकार को आदेश करने के लिए पीटिशन में अर्जी की गई थी । अर्जीकर्तापक्ष की पेशकश ध्यान में लेने के बाद हाईकोर्ट ने यह समग्र मामले में राज्य सरकार के पास से जवाब मांगा गया था । यह केस की शुरू की गई सुनवाई में मंगलवार को राज्य सरकार ने महत्व की पेशकश के द्वारा अपना रवैया स्पष्ट कर दिया था ।
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