गुजरात राज्य में २६ हजार मेगावॉट से ज्यादा बिजली उत्पादन किया जा रहा है । राज्य में बिजली मांग १५ हजार मेगावॉट की है, यानी कि गुजरात बिजली उत्पादन में सरप्लस बना है, यह मंगलवार को ऊर्जा मंत्री चीमनभाई सापरिया ने गांधीनगर निकट के सरगासण गांव में गुजरात एनर्जी ट्रान्समिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा नवनिर्मित ६६ केवी सबस्टेशन के लोकार्पण के अवसर पर बताया था । २९९० लाख रुपये के खर्च से आधुनिक टेक्नोलोजी से तैयार ऐसे सबस्टेशन के लोकार्पण के अवसर पर ऊर्जा मंत्री चीमनभाई सापरिया ने आगे बताया है कि, राज्य में वर्ष २००१ तक में सिर्फ ७०५ सबस्टेशन कार्यरत थे । पिछले डेढ़ दशक में १ हजार से ज्यादा सब स्टेशनों का निर्माण किया गया है । इसके अलावा राज्य में हर वर्ष १०० सब स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है । राज्य सरकार द्वारा खेती की बिजली कनेक्शन देने के लिए २ हजार करोड़ रुपये की भारी रकम आवंटित करायी गई है । १०० करोड़ रुपये पुराने और जर्जरीत सबस्टेशन के रिपेरिंग के लिए भी विशेष प्रावधान किया गया है । राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ज्योतिग्राम योजना के द्वारा राज्य के गांवों में २४ घंटे बिजली देने का सपना साकार किया गया है । संवेदनशील और निर्णायक सरकार के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल के नेतृत्व वाली सरकार के शासन में किसानों के खेत में खड़ी की जाती बिजली लाइन के खंभे जितनी जगह रोके उतनी जमीन के तौर पर किसान को जंत्री के ८५ फीसदी रकम चुकायी जा रही है । बिजली लाइन के वायर गुजरते हो तो जंत्री के ७.५० फीसदी का मुआवजा चुकाया जाता है । खेत में से टावरवाली लाइन जाती हो तो खेत के मालिकों को बिजली कनेक्शन के लिए प्राथमिकता दी जाती है । सरगासण निकट ३९०७ चौ.मी. जमीन में नया सब स्टेशन कार्यरत होने पर ६६ केवी के अडालज तथा कुडासण सब स्टेशन के बिजली बोझ में उल्लेखनीय कमी होगी । अडालज और कुडासण सब स्टेशन में से बिजली लेते ग्राहकों को पर्याप्त बिजली दवाब से ज्यादा बिजली आपूर्ति दी जा सकेगी ।