इजराइल-हमास जंग को लेकर यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) में भारतीय समय के मुताबिक मंगलवार देर रात बाठक हुई। इसमें अमेरिका ने गाजा में फौरन सीजफायर किए जाने वाला प्रस्ताव खारिज कर दिया।
अमेरिका ने UN में तीसरी बार वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए सीजफायर प्रस्ताव खारिज किया। इसके पहले अमेरिका ने दिसंबर में पेश किए गए सीजफायर प्रस्ताव को भी खारिज किया था।
यह प्रस्ताव नॉर्थ ऑफ्रीकी देश अल्जीरिया ने पेश किया था। 15 मेंबर देशों ने वोटिंग में हिस्सा लिया। 13 देशों ने सीजफायर के पक्ष में वोट किया। ब्रिटेन ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। वहीं, अमेरिका ने वीटो लगा दिया।
अमेरिका ने वीटो क्यों लगाया…
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा- इस प्रस्ताव से अमेरिका, मिस्र, इजरायल और कतर के बीच फिलिस्तीनियों की सुरक्षा को लकर हो रही बातचीत खतरे में पड़ सकती है।
उन्होंने कहा- फौरन सीजफायर से बंधकों की रिहाई खतरें में पड़ जाएगी। बंधकों को रिहा करने के लिए हमास के साथ समझौते की जरूरत है। बिना शर्त युद्धविराम की मांग करना स्थायी शांति नहीं लाएगा। ये जंग को बढ़ सकता है। इसलिए हम वीटो लगा रहे हैं।
दरअसल, 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हुए हमलों में हमास आतंकी करीब 234 लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले गए थे। इसके बाद से बंधकों की रिहाई को लेकर इजराइल में प्रदर्शन हो रहे हैं।
24 नवंबर से 30 नवंबर तक सीजफायर हुआ था। हमास और इजराइली सेना ने 7 दिनों के लिए हमले रोके थे। तब 107 बंधकों को रिहा किया गया था।
वीटो क्या है…
UNSC में पांच स्थायी मेंबर हैं। इनमें अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन शामिल हैं। इन्हें ही वीटो पावर मिला हुआ है। यह काफी अहम होता है। सुरक्षा परिषद बिना इन पांचों देशों की रजामंदी के कोई भी प्रस्ताव पारित या लागू नहीं कर सकती है। 5 में से कोई एक सदस्य भी इसका वीटो करता है तो यह प्रस्ताव खारिज हो जाता है।