गुजरात में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता परेश धनानी ने सोमवार को औपचारिक रूप से विपक्ष के नेता के रूप में कार्यभार संभाल लिया । उन्हें बधाई देने के लिए राजधानी गांधीनगर में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता बड़ी-बड़ी मालाएं लेकर पहुंचे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी । अमरेली विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक धनानी ने उन्हें लौटा दिया । इसकी वजह उन्होंने यह बताई कि जब तक कांग्रेस गुजरात में सत्ता में नहीं आ जाती, तब तक यह वह माला पहनने के योग्य नहीं है । बताया जा रहा है कि धनानी के समर्थक विधानसभा परिसर में विपक्ष के नेता के कार्यालय में इकट्ठा थे । धनानी ने अपने हाथ में माला स्वीकार की लेकिन फिर उसे उसी व्यक्ति को पहना दिया जो उनके लिए लाया था । उन्होंने फूलों से बनी सारी मालाएं लौटा दी और केवल सूत से बनी एक माला पहनी । धनानी गुजरात के २४वें विपक्ष के नेता है । यह पूछे जाने पर पिछले कई वर्षो से वह माला क्यों स्वीकार नहीं कर रहे है, इस धनानी ने कहा, गुजरात में डर, भ्रम और भ्रष्टाचार का माहौल है । मैं माला स्वीकार कर लोगों के आत्मसम्मान और प्रतिबद्धता को ठेस नहीं पहुंचा सकता । जब बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर कांग्रेस सत्ता में आएगी, तभी मैं माला पहनना पसंद करूंगा । कार्यभार संभालने से पहले धनानी ने पूजा की और कांग्रेस विधायकों के साथ बैठक की जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री, भारतसिंह सोलंकी, शक्तिसिंह गोहिल, अर्जुन मोढवाडिया, सिद्धार्त पटेल और यादि वह मौजूद थे ।
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