सनसनीखेज नरोड़ा गांव दंगा मामले में शुक्रवार को बचाव पक्ष के गवाहों की उलटजांच के दौरान आरोपीयों के बयान को एकबार फिर समर्थन देती जानकारी सामने आई है । पूर्व पार्षद वल्लभभाई पटेल और युनियन अध्यक्ष डी.के. पटेल घटना के दिन गवाहों के साथ भी थे और घटना स्थल पर मौजूद न होने की बात सामने आई है । स्पेशियल डेजीग्नेटेड कोर्ट ने शुक्रवार को तीन गवाहों की जांच के बाद इस मामले में अगली सुनवाई के लिए सोमवार का दिन तय किया है । अब हर पेशी के दौरान चार गवाहों की जांच की जाएगी । खेडब्रह्मा निवासी और बचाव पक्ष के गवाह वशराम पटेल ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि उनका भतीजा भीमजी पटेल कब कारसेवा में गया इसकी उन्हे खबर नहीं है । लेकिन साबरमती ट्रेन में कारसेवको की मौत की खबर जानकर दुसरे दिन सुबह साढे़ सात बजे वे अहमदाबाद सिविल अस्पताल में शव का कब्जा लेने गये । उस समय सामाजिक कार्यकर्ता बाबुभाई उनके साथ थे और दोपहर वे घर गये तब तक हमारे साथ थे । उन्होंने बाबुभाई बजरंगी के तौर पर पहेचानने से इनकार किया । इस दौरान युनियन के अध्यक्ष एवं दुसरे आरोपी डी.के. पटेल के गवाह के तौर पर मकसूद पठान ने बताया कि वह नरोड़ा जीआईडीसी में नौकरी करता है और तारीख २८-२-२००२ को उसकी मां का फोन आया कि दंगे भडक गये है जिससे वह जल्दी घर आ जाए । इससे उसने सहकर्मी निजामुद्दीनभाई से बात की । दोनों ने उसके बाद प्लान्ट हेड अमृतभाई पटेल से बात की और वह तीनों दुसरी कंपनी में बैठते युनियन के अध्यक्ष डी.के. पटेल से मिलने गये । उन्होंने सभी जांच कर निजामुद्दीनभाई को घर जाने दिया जबकि उन्हें ऑफिस में ही बैठाकर रखा । दोपहर तीन बजे डी.के. पटेल उन्हे अपने साथ अपने घर ले गए । दुसरे दिन सुबह ५.३० बजे मकरबा के पिछले हिस्से में उतार दिया । जहां वह अपने परिवार के सदस्य के पास घर पहुंच गए । गवाहों ने कोर्ट में डी.के. पटेल को पहचान लिया । इसके बाद प्रोसीक्युशन की उलट तपास में मकसुदभाई ने बताया कि उसे गुजरात बंद होने की जानकारी नहीं थी । इस तराह निजामुद्दीन अंसारी ने भी दंगे के संबंध में मेसेज आया तब से लेकर डी.के. पटेल से मिले वहा तक मकसुदभाई के बयान का समर्थन किया है । इस दौरान पूर्व पार्षद वल्लभ पटेल की ओर से गवाह उनके भाई गौतम पटेल ने बताया कि उनकी पत्नी हंसाबहन गर्भवती थी और २८ फरवरी को उन्हें मीठाखली स्थित एक अस्पताल में ले जाया गया था तब वल्लभभाई उनके साथ थे । दुसरे दिन ८.२८ बजे उनकी पत्नी ने पुत्र को जन्म दिया । इसके बाद १० बजे के आसपास वे वहां से निकल गए । सबूत के तौर पर गौतमभाई ने उनकी पत्नी को अस्पताल में भर्ती किये होने के सबूत के तौर पर एडमीट कार्ड और पुत्र का जनप्रमाणपत्र कोर्ट में पेश किया ।