गुजरात के सुरत शहर वराछा थाना क्षेत्र जहां पर एक पुलिस ईस्पेक्टर वी के रीठौड की ईमानदारी के कुछ तस्वीरे सामने आई है। बताया जा रहा है कि ईस पुलिस ईस्पेक्टर की गाडी में भुल से एक हिरो का बेग ईस्पेक्टर की गाडी में रख दिया। लेकिन जब पुलिस ईस्पेक्टर ने देखा तो वहां के एक एक बुढे व्यक्ति कहा कि अगर कोई सामान डुढने आये तो उसे पुलिस थाने भेद देना। जब हिरे का वेपारी अपने हिरे की बेग की तलाश में ढुंढता हुआ आया तो उसे एक बुढे व्यक्ति ने कहा कि आप लबें हनुमान पुलिस थाने जाओ आपका हिरो का बेग पुलिस ईस्पेक्टर वीके राठौड ले गये है, उसके बाद हिरा वेपारी मालिक उम्मेद भाई जेबलिया पुलिस चौकी के पास पहुंच गए। और आखिरकार पुलिस ईस्पेक्टर ने मालिक उम्मेद भाई को हिरो का बेग अपनी ईमानदारी से शोप दिया।
कहा जाता है कि आज भी ईस दुनिया में ईमानदार लोग मौजूद है, लेकिन पुलिस की छबी तो लेगों के दिलो दिमांग में पहले से ही खराब है लेकिन सुरत की ये घटना ने पुलिस की छबी को उजागर कर एक एलग पहचान बनाई है। आज के जमाने में कोई किसी का एक रुपिया लोटाता नही है लेकिन ये तो करोडं रुपिया की बात थी। आज ईस पुलिस ईस्पेक्टपर ने पुलिस की ईमानदारी की मिशाल कायम की।
लेकिन पुलिस की सोच को लेकर ईस्पेटक्र ने सोचा कि उम्मेद भाई जब पुलिस थाने पहुंचे, तो हीरों के पैकेट को लेकर पुलिस सब इंस्पेक्टर ने उनसे हीरों की प्रमाणिकता और अन्य संदर्भों में कई सवाल पूछे। राठौड़ ने जब यह सुनिश्चित कर लिया कि उनकी मोटर साइकिल की डिग्गी से मिले हीरों के पैकेट उम्मेद भाई के ही हैं, तो उन्होंने उम्मेद भाई को उनकी अमानत सौंप दी।
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