यस बैंक ने आज कहा कि उसने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को स्पेशल लिक्विडिटी फैसिलिटी के पूरे 50,000 करोड़ रुपए पूरी तरह से चुका दिया है। बैंक के चेयरमैन सुनील मेहता ने गुरुवार को आयोजित शेयरधारकों की सालाना आम बैठक में इसकी जानकारी दी। मेहता ने शेयरधारकों को बताया, हमने आरबीआई को 8 सितंबर को एसएलएफ के 50,000 करोड़ रुपए की पूरी राशि चुका दी है।
मार्च में RBI ने यस बैंक पर मोरटोरियम लागू कर दिया था जिसके बाद यस बैंक के ग्राहक अपने खातों से सीमित पैसा ही निकाल सकते थे। यह पहले तीन महीने के लिए था जिसे बाद में सितंबर मध्य तक बढ़ा दी गई थी। बैंक के चेयरमैन ने कहा कि मार्च में बैंक का रिकंस्ट्रक्शन होने के बाद कस्टमर लिक्विडिटी इनफ्लो बढ़ा है।
निवेशकों के सवालों को संबोधित करते हुए, क्या बैंक का भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के साथ विलय होने वाला था? मेहता ने कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं थी। उन्होंने कहा, न तो बैंक और न ही किसी प्राधिकरण ने ऐसे किसी प्रस्ताव पर चर्चा की है जहा तक मैं जानता हूं। बैंक के कुछ निवेशकों ने इसके पुनर्निर्माण के बाद कई वर्षों तक अपनी हिस्सेदारी को फ्रीज करने के बैंक के फैसले के बारे में चिंता जताई। बैंक के एमडी और सीईओ प्रशांत कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगले 3 वर्षों के लिए शेयरों को फ्रीज करने का निर्णय सभी शेयरधारकों के बड़े हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया था।
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