ट्रैफिक के नियमों के तहत ट्रैफिक पुलिस और विशेष करके टोइंग टीम के अधिकारियों द्वारा निर्दोष नागरिकों के वाहनों को अंधाधुंध टोइंग करके और जुर्माना वसूलने की लूट से जनता परेशान हो गई है ।
ट्रैफिक पुलिस की यह अंधाधुंध लूट की वजह से लोगों में भारी नाराजगी फैल गई । विशेष करके मंदिरों और अस्पतालों के बाहर पार्क किए गए वाहन पुलिस सिर्फ पैसा वसूलने के उद्देश्य से टोइंग करके जाते होने की लूट चला रहे होने की व्यापक शिकायतें सामने आ रही है तब यह मामले में ट्रैफिक डीसीपी और राज्य के डीजीपी ने उनके नीचे के अधिकारियों को निर्दोष लोगों को बिना जरूरी से परेशान करना बंद करने की सूचना जारी करनी चाहिए यह मांग लोगों द्वारा उठाई गई है । ट्रैफिक के नियमों का कार्यान्वयन अभी १५ अक्टूबर से शुरू करने की राज्य सरकार ने समय सीमा दी है तब शहर ट्रैफिक पुलिस को जैसे खुली छूट मिल गई हो इस प्रकार से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जैसे वसूली शुरू कर दिया है । एक तरफ, आरटीओ ऑफिस के बाहर लंबी लाइनों में खड़े निर्दोष नागरिक, सिविल अस्पताल से शाहीबाग तक के रोड, विवेकानंद चौक, मेमनगर, वासणा से अंजली सिनेमा तक का रोड सहित के विभिन्न क्षेत्रों में निर्दोष नागरिकों के वाहन बाहर ही बाहर टोइंग कर लिया जाता है ।
सिविल अस्पताल या अन्य अस्पतालों में किसी काम से गये हो और वाहन कुछ देर के लिए बाहर दिखाई दे तो ट्रैफिक पुलिस की टोइंग वैन बाहर ही बाहर कुछ विचार किए बिना ही वाहनों को टोइंग करके निर्दोष नागरिकों से जुर्माने के तहत जैसे खुली लूट चला रही हो । ट्रैफिक पुलिस की अंधाधुंध, इच्छा के विरूद्ध और विचार किए बिना वाहनों को टोइंग करने की वजह से निर्दोष नागरिकों को भारी परेशानी होती है इस मामले में पुलिस ने कुछ विचार किया है । नियमों का कार्यान्वयन सभी जगह पर एक समान हो और निष्पक्ष तथा न्यायी तरीके से होना चाहिए लेकिन शहर के विभिन्न क्षेत्रों में एक समान कार्यान्वयन नहीं होता है ।
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