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IIT में 2020 तक छात्रों की भर्ती संख्या बढ़ाकर एक लाख करने की योजना

आईआईटी काउंसिल एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जिसके अनुसार अगले तीन वर्षों में 2020 तक 30 हजार अन्य नॉन रेसीडेंट छात्रों को आईआईटी संस्थानों में पढ़ने की अनुमति दी जाएगी. सूत्रों  की मानें तो आईआईटी परिषद की अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी, जिसमें नॉन रेसीडेंट छात्रों को लेने का सुझाव है। यह बैठक 23 अगस्त को हुई थी।

छात्रों की संख्या में वृद्धि शिक्षण प्रक्रिया के साथ समझौता किए बिना होगी और वो पर्याप्त शिक्षण सुविधाओं की उपलब्धता पर निर्भर करेगा. आईआईटी काउंसिल जिन अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा करने जा रहा है उसमें प्रोजेक्ट विश्वजीत‘ भी शामिल हैजो शीर्ष सात आईआईटी को उनकी अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार में सहायता प्रदान करेगा. सूत्रों ने बताया कि एक अन्य कदम आईआईटी से पीएचडी छात्रों की भर्ती से संबंधित है. इसके जरिए रिक्तियों को भरने का लक्ष्य रखा गया है।

एक अन्य सूत्र के अनुसार, ‘फिलहाल आईआईटी में स्नातक, स्नातकोत्तर या डॉक्टरेट पाठयक्रमों में 72000 तक छात्रों का दाखिला लिया जाता है, जो रेसीडेंसियल होते हैं। हालांकि, इस बात पर विचार किया जा रहा है कि ‘जो छात्र हॉस्टलों में नहीं ठहरेंगे, उनका भी इन संस्थानों में दाखिला होना चाहिए। योजना प्रतिवर्ष संख्या में 10 हजार की वृद्धि करने की है ताकि आईआईटी में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 2020 तक एक लाख तक पहुंचाई जा सके। 30 हजार अतिरिक्त छात्रों के लिए लिए हॉस्टल में ठहरने के लिए आधारभूत संरचना पैदा करने की बजाय यह प्रस्ताव किया जाता है कि नॉन रेसीडेंसियल छात्रों को लेकर अधिक प्रतिभाओं को लेना बढ़ाया जा सके।

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