अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के ईरान जाने और वहां की जनता को संबोधित करने की पेशकश को इस्लामिक देश ने खारिज कर दिया है। तेहरान ने कहा है कि यह अमेरिका की ड्रामेबाजी है। माइक पोम्पियो की ओर सीधे इशारा करते हुए ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने कैबिनेट की बैठक के इतर कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्री को यहां आने की कोई जरूरत नहीं है। जरीफ ने पोम्पियो को सलाह दी कि ईरान के पत्रकारों को अमेरिका की यात्रा करने की अनुमति दी जाए। साथ ही उनका साक्षात्कार करने के लिए वीजा देने की सलाह दी। ईरान के विदेश मंत्री ने अमेरिका पर पत्रकारों के आग्रह को खारिज करने का आरोप लगाया। पोम्पियो ने ट्वीट कर कहा था कि हम लोग जरीफ के अमेरिका आने से डरे हुए नहीं हैं। वह यहां बोलने के अधिकार का स्वतंत्र होकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
पोम्पियो ने ईरान के शीर्ष नेता आयतुल्ला अली खामेनी का जिक्र करते हुए कहा, क्या उनके शासन में व्यवस्था इतनी खराब हो गई कि वे हमें तेहरान में बोलने भी नहीं दे सकते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि अगर उनके लोग बिना किसी काट-छांट के पूरा सच सुन लेते तो क्या हो जाता।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाने वाले समझौते से अपने देश को अलग कर लिया था। इसके बाद ईरान पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे। इसके बाद से अमेरिका और ईरान के बीच तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। हाल के महीनों में अमेरिका ने फारस की खाड़ी में सैन्य मौजूदगी बढ़ा दी है, जबकि ईरान ने अपनी परमाणु गतिविधियों को खुलेआम बढ़ाना शुरू कर दिया है. ईरान का कहना है कि अगर यूरोपीय देश उन्हें कुछ आर्थिक राहत नहीं देते हैं तो वह लंबे समय तक 2015 के समझौतों को नहीं मान सकते हैं। ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि उनकी नीतियों का लक्ष्य क्षेत्र में ईरान का व्यवहार बदलना है न कि वहां की सरकार को बदल देना।
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