Aapnu Gujarat
ब्लॉग

पीएम की निगरानी में मुस्लिम नेताओं की नई टीम तैयार कर रही भाजपा

एएमयू के वीसी प्रो तारिक मंसूर को यूपी विधान परिषद सदस्य के रूप में मनोनीत करने के फैसले की बड़ी चर्चा है। दरअसल, भाजपा मुसलमानों के पिछड़े वर्ग में पैठ बनाने और बौद्धिक वर्ग में पार्टी के खिलाफ बनी धारणा तोड़ने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है।

इस क्रम में पार्टी पुराने चेहरों से इतर मुसलमानों की नई टीम बना रही है, जिसमें बौद्धिक और पिछड़ा वर्ग से जुड़ी शख्सियतों को तरजीह दी जा रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग का वोट हर हाल में हासिल करने की रणनीति बीते साल हैदराबाद में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बनी थी। वोट की परवाह किए बिना मुस्लिम खासकर पसमांदा मुसलमानों से संपर्क साधने के पीएम के आह्वान के बाद इसके लिए रोडमैप तैयार किया गया।

बीते ही साल मिले थे संकेत
सलमानों की नई टीम बनाने के संकेत बीते साल कई मौके पर मिले। उत्तर प्रदेश में मोहसिन रजा की जगह दानिश अंसारी को मंत्री बनाया गया। बीते साल ही मुख्तार अब्बास नकवी और जफर इस्लाम का राज्यसभा का कार्यकाल  नहीं बढ़ाया गया। उसी साल मोदी सरकार ने गुर्जर मुस्लिम समुदाय के गुलाम अली खटाना को राज्यसभा में मनोनीत सदस्य बनाया। शहजाद पूनावाला के रूप में एक तेजतर्रार युवा को पार्टी का प्रवक्ता बनाया। अब प्रो. मंसूर का विधान परिषद में मनोनयन किया गया।

क्या है रणनीति?
भाजपा के रणनीतिकार मानते हैं कि मुसलमानों में पैठ न बन पाने की बड़ी वजह बौद्धिक वर्ग में बनी पार्टी विरोधी धारणा है। पार्टी इससे पूर्व पसमांदा और लाभार्थी वर्ग तक योजनाबद्ध तरीके से नहीं पहुंच पाई। इन दोनों ही रुकावट को दूर करने के लिए पार्टी को इन्हीं वर्ग के नए और महत्वपूर्ण चेहरे की जरूरत थी। इसी क्रम में आरिफ मोहम्मद खान को राज्यपाल बनाने के बाद तारिक मंसूर को विधान परिषद में मनोनीत किया गया। इस समुदाय के पिछड़े और पसमांदा वर्ग के नए चेहरे को संगठन, सरकार, संसद में जगह दी गई।

इसलिए पैठ बनाना जरूरी
आगामी लोकसभा चुनाव पार्टी के लिए होम ग्राउंड बैटल है। प्रभाव वाले राज्यों की ज्यादातर सीटें पार्टी के पास है, जबकि इस बार तेलंगाना को छोड़कर विस्तार की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही। ऐसे में पार्टी को प्रभाव वाले क्षेत्रों की सीटें बरकरार रखने के लिए अतिरिक्त मत की जरूरत है।

महज प्रतीकात्मक नेतृत्व से दूरी
उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा कि पार्टी अतीत में मुसलमानों के संदर्भ में अब तक प्रतीकात्मक राजनीति करती रही थी। इसके कारण चुनिंदा चेहरों को संगठन और सरकार में अहमियत तो मिली, मगर पार्टी को इसका कोई लाभ नहीं मिला। पीएम इस परिपाटी को खत्म करना चाहते हैं। यही कारण है कि बीते नौ सालों में नजमा हेपतुल्ला, एमजे अकबर की अहमियत घटी, कई चेहरों को राज्यसभा में दोबारा मौका नहीं मिला।

दलितों में मजबूत पकड़ के लिए कल से सामाजिक न्याय सप्ताह
भाजपा अपने स्थापना दिवस छह अप्रैल से 14 अप्रैल तक सामाजिक न्याय सप्ताह के रूप में मनाएगी। इस क्रम में पार्टी 11 अप्रैल को ज्योतिबा फुले और 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती पर देशभर में कार्यक्रम करेगी। स्थापना दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। इस दिन भाजपा अपने सभी कार्यालयों में ध्वजारोहण करेगी। सामाजिक न्याय सप्ताह के दौरान पार्टी वंचित समाज के लिए मोदी सरकार की ओर से किए गए कार्यों, लागू की गई नीतियों का देशभर में प्रचार करेगी। कार्यक्रम का स्वरूप तय करने के लिए बुधवार को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी महासचिवों के साथ मैराथन बैठक की। इस बैठक में बूथ स्तर से राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम करने की रूपरेखा तैयार की गई। भाजपा महासचिव दुष्यंत गौतम ने कहा, भाजपा हर महापुरुष की जयंती पर अलग-अलग वर्गों तक पहुंचती है। इसी के तहत पार्टी के नेता और कार्यकर्ता ज्योतिबा फुले और आंबेडकर की जयंती पर दलित वर्ग के पास पहुंचेगी। उन्हें मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए कार्यों की जानकारी देगी।

Related posts

આયુષ્યમાન ભારત યોજના ગરીબો માટે વરદાનરૂપ બની રહેશે

aapnugujarat

વિશ્વમાં વાયુ પ્રદૂષણના કારણે ૩૦ લાખ લોકોનાં મોત

aapnugujarat

मोदी को मुस्लिम सम्मान

aapnugujarat

Leave a Comment

UA-96247877-1